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हाई कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में सरकार, भष्टाचार के आरोप में हरिद्वार DEO सस्पेंड

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Published : Aug 6, 2020, 8:02 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 10:20 AM IST

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अगली तारीख पर हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी पर लगे आरोपों की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.

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नैनीताल/देहरादून: भ्रष्टाचार और विभागीय अनियमितताओं के मामले में फंसे हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि अगर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

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निलंबन का आदेश

गुरुवार को इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि धर्मपाल सैनी ने अनियमितताएं की थीं. उनके खिलाफ सरकार ने चार्ज भी फ्रेम किए हैं और उन्हें निलंबित भी कर दिया है.

HC की फटकार के बाद हरकत में सरकार

पढ़ें- 14 महीने तक CM का आदेश टालते रहे अधिकारी, CS ने दिया अल्टीमेटम

बता दें कि हरिद्वार निवासी पदम कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से लाभ दिया. इसके अलावा धर्मपाल सैनी राजपत्रित अधिकारी होते हुए भी अपने गृह जनपद हरिद्वार में कार्यरत हैं, जो नियम विरुद्ध है. कोई भी राजपत्रित अधिकारी अपने गृह जनपद में नियुक्त नहीं रह सकता. इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चधिकारियों को भी दी गई थी. राज्य सरकार ने जांच भी कराई थी. जांच में धर्मपाल सैनी के ऊपर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गये थे, बावजूद उसके उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई.

इसके बाद याचिकाकर्ता ने मजबूरन हाईकोर्ट जाना पड़ा. गुरुवार (6 अगस्त) को इस मामले पर जब कोर्ट ने सवाल किया तो राज्य सरकार ने बताया कि धर्मपाल सैनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से धर्मपाल सैनी के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है. अब मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.

नैनीताल/देहरादून: भ्रष्टाचार और विभागीय अनियमितताओं के मामले में फंसे हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि अगर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

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निलंबन का आदेश

गुरुवार को इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि धर्मपाल सैनी ने अनियमितताएं की थीं. उनके खिलाफ सरकार ने चार्ज भी फ्रेम किए हैं और उन्हें निलंबित भी कर दिया है.

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बता दें कि हरिद्वार निवासी पदम कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से लाभ दिया. इसके अलावा धर्मपाल सैनी राजपत्रित अधिकारी होते हुए भी अपने गृह जनपद हरिद्वार में कार्यरत हैं, जो नियम विरुद्ध है. कोई भी राजपत्रित अधिकारी अपने गृह जनपद में नियुक्त नहीं रह सकता. इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चधिकारियों को भी दी गई थी. राज्य सरकार ने जांच भी कराई थी. जांच में धर्मपाल सैनी के ऊपर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गये थे, बावजूद उसके उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई.

इसके बाद याचिकाकर्ता ने मजबूरन हाईकोर्ट जाना पड़ा. गुरुवार (6 अगस्त) को इस मामले पर जब कोर्ट ने सवाल किया तो राज्य सरकार ने बताया कि धर्मपाल सैनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से धर्मपाल सैनी के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है. अब मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.

Last Updated : Aug 7, 2020, 10:20 AM IST
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