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पूर्व CM खंडूड़ी और बहुगुणा को बचाने के लिए सरकार ला सकती है विधेयक

सरकारी आवास मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस के बाद राज्य सरकार दो पूर्व मुख्यमंत्रियों भुवन चंद्र खंडूड़ी और विजय बहुगुणा को राहत दे सकती है. आगामी विधानसभा सत्र में ऐसा विधेयक ला सकती है.

भुवन चंद खंडूड़ी और विजय बहुगुणा
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Published : Nov 19, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 3:46 PM IST

नैनीतालः सरकारी घर व अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी और विजय बहुगुणा को अपना जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह का वक्त दिया था. जिस पर अब त्रिवेंद्र सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पूर्व सीएम को दी गई सुविधाओं के लिए नया विधेयक ला सकती है.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि 5 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं पर नया विधेयक लाया जा रहा है. जिस पर याचिकाकर्ताओं ने विरोध दर्ज किया था और बताया था कि अगर सरकार इस मामले में विधेयक लाएगी तो उसको भी नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी. राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के लिए विधेयक ला रही है जो गलत है. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत दे सकती है सरकार.

पढ़ेंः डेंगू के बढ़ते मामलों पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से 2 सप्ताह में मांगा जवाब

पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया व अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में अध्यादेश जारी कर सरकारी घर समेत अन्य भत्ते जमा करने का फैसला किया था. जिसे लेकर याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी.

पढ़ेंः गांव में हुए घोटाले का मामला पहुंच हाईकोर्ट, ग्राम प्रधान पर 30 लाख के गबन का आरोप

गौरतलब है कि सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें राज्य सरकार ने बताया कि पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, बीसी खण्डूड़ी पर 46 लाख 59 हजार रुपए, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपए, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए और पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

नैनीतालः सरकारी घर व अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी और विजय बहुगुणा को अपना जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह का वक्त दिया था. जिस पर अब त्रिवेंद्र सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पूर्व सीएम को दी गई सुविधाओं के लिए नया विधेयक ला सकती है.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि 5 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं पर नया विधेयक लाया जा रहा है. जिस पर याचिकाकर्ताओं ने विरोध दर्ज किया था और बताया था कि अगर सरकार इस मामले में विधेयक लाएगी तो उसको भी नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी. राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के लिए विधेयक ला रही है जो गलत है. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत दे सकती है सरकार.

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पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया व अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में अध्यादेश जारी कर सरकारी घर समेत अन्य भत्ते जमा करने का फैसला किया था. जिसे लेकर याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी.

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गौरतलब है कि सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें राज्य सरकार ने बताया कि पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, बीसी खण्डूड़ी पर 46 लाख 59 हजार रुपए, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपए, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए और पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

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पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी और विजय बहुगुणा को 2 सप्ताह में हाईकोर्ट में जवाब पेश करने के आदेश

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सरकारी घर व अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ में एक बार फिर सुनवाई हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि 5 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं पर नया विधेयक लाया जा रहा है।
जिस पर याचिकाकर्ताओं द्वारा विरोध करा और बताया कि अगर सरकार इस मामले में विधेयक लाएगी तो उसको भी नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के लिए विधेयक ला रही है जो गलत है, मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।



Body:पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया व अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में अध्यादेश जारी कर सरकारी घर समेत अन्य भत्ते जमाना करने का फैसला किया था, जिसको यकचिककर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी।
पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रीयो पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश करी,,, जिसमें सरकार ने बताया की पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, 

बीसी खण्डूरी पर 46 लाख 59 हजार, 

विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, 

भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए बकाया हैं,,, जबकी पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है,,,


Conclusion:अपाको बता दे कि नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में पुर्व मुख्यमंत्रीयो को सरकार द्धारा जो सरकारी भवन और सुविधाए दी जा रही है वो गलत है साथ ही जब से पुर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे है उनसे उक्त अवधि के दौरान का किराया वसूलने की मांग भी की गई थी,
पूर्व में मुख्य न्यायाधीशों की पीठ ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को बकाया जमा करने के आदेश दिए जिसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट में अध्यादेश लाकर मुख्यमंत्रियों पर बकाया को माफ करने का फैसला लिया था जिसको याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार मामले में अध्यादेश ला रही है जो गलत है।

बाईट- कार्तिके हरी गुप्ता, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Nov 19, 2019, 3:46 PM IST
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