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नैनीताल हाईकोर्ट विस्थापन का विरोध, सामाजिक संगठनों ने निकाला जुलूस

नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court Shift) के विस्थापन (displacement of Nainital High Court) को लेकर लोगों में आक्रोश है. लोगों ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया. नैनीताल के तमाम सामाजिक संगठनों ने जुलूस निकालकर इसका विरोध किया.

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नैनीताल हाईकोर्ट विस्थापन का विरोध
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Published : Nov 9, 2022, 12:43 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 2:13 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट शिफ्ट होना चाहिए या नहीं इसको लेकर अब नैनीताल की सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे हैं. नैनीताल में स्थानीय लोगों समेत हाईकोर्ट के अधिवक्ता व जिला बार के अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से जुलूस निकाल कर हाईकोर्ट नैनीताल से विस्थापन मामले पर प्रदर्शन किया. सभी ने एक स्वर में नैनीताल हाईकोर्ट के विस्थापन का विरोध किया.

नैनीताल से हाईकोर्ट को मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट (displacement of Nainital High Court) करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में रामसेवक सभा से जुलूस का आयोजन किया गया. जिसमें हाईकोर्ट जिला बार के तमाम अधिवक्ताओं समेत शहर के तमाम संगठनों के लोगों ने शिरकत की. जुलूस से पहले राम सेवक सभा में सभा का आयोजन किया गया. जिसमें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा राज्य सरकार और केंद्र सरकार नैनीताल से हाईकोर्ट को विस्थापित कर उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों के बलिदान से खिलवाड़ कर रही है.
पढ़ें- मसूरी में 40 साल बाद हिमालयन राइडर कार रैली का हुआ आयोजन, विदेशी राइडर्स ने भी किया प्रतिभाग

नैनीताल के पूर्व सांसद व हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल ने कहा सरकार प्रदेश में स्थाई राजधानी के मामले पर कोई फैसला नहीं कर पा रही है. ऐसे में हाईकोर्ट को नैनीताल से विस्थापित करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है. सभा के बाद रामसेवक सभा में एकत्र हुए सभी लोग मल्लीताल बाजार, माल रोड होते हुए तल्लीताल गांधी चौक पहुंचे. यहां गांधी चौक पर व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा नैनीताल से हाईकोर्ट को किसी भी स्थिति में विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. उत्तराखंड निर्माण के बाद हाईकोर्ट स्थाई रूप से बनाया गया था. जिसे नैनीताल से किसी दूसरे जगह भी स्थापित करना संवैधानिक का उल्लंघन होगा.
पढ़ें- उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल की जनता भी बदलेगी रिवाज: CM पुष्कर सिंह धामी

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी तिवारी ने कहा उत्तराखंड निर्माण के बाद जब सरकार नैनीताल में हाईकोर्ट का निर्माण कर रही थी. उस समय महिला राज्य आंदोलनकारी संघ ने नैनीताल में हाईकोर्ट निर्माण का पुरजोर विरोध किया था. जिसके बावजूद भी सरकार ने हाई कोर्ट नैनीताल में बनाया और अब जब करोड़ों रुपए खर्च कर हाईकोर्ट को स्थाई रूप से स्थापित कर दिया है तो सरकार उसे मैदानी क्षेत्र में बनाने जा रही है. जिसका अब समस्त क्षेत्रवासी विरोध कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन में हाईकोर्ट समेत जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की कमी दिखी. जिसके चलते नैनीताल से हाईकोर्ट को मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट करने के मामले में स्थानीय जनता और अधिवक्ता बंटे हुए नजर आ रहे हैं.

रामनगर में हाईकोर्ट शिफ्ट की मांग तेज: हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल को रामनगर शिफ्ट करने की मांग तेज हो गई है. रामनगर बार एसोसिएशन द्वारा चलाए जा रहे मांग को रामनगर के समस्त सामाजिक, राजनीतिक ,व्यापारिक संगठनों ने समर्थन देकर रेलवे आंदोलन की तरह जन आंदोलन चलाने पर सहमति जताई. रामनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं सचिव सुखदेव सिंह के संचालन में हुई रामनगर विकासखंड कार्यालय के सभागार सभा में संपन्न बैठक में सभी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने कहा कि बिन लड़ें रामनगर को कुछ भी नहीं मिला है. रामनगर को जो कुछ भी हासिल हुआ है रामनगर की जनता के ऐतिहासिक संघर्ष से प्राप्त हुआ है.

नैनीताल: हाईकोर्ट शिफ्ट होना चाहिए या नहीं इसको लेकर अब नैनीताल की सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे हैं. नैनीताल में स्थानीय लोगों समेत हाईकोर्ट के अधिवक्ता व जिला बार के अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से जुलूस निकाल कर हाईकोर्ट नैनीताल से विस्थापन मामले पर प्रदर्शन किया. सभी ने एक स्वर में नैनीताल हाईकोर्ट के विस्थापन का विरोध किया.

नैनीताल से हाईकोर्ट को मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट (displacement of Nainital High Court) करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में रामसेवक सभा से जुलूस का आयोजन किया गया. जिसमें हाईकोर्ट जिला बार के तमाम अधिवक्ताओं समेत शहर के तमाम संगठनों के लोगों ने शिरकत की. जुलूस से पहले राम सेवक सभा में सभा का आयोजन किया गया. जिसमें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा राज्य सरकार और केंद्र सरकार नैनीताल से हाईकोर्ट को विस्थापित कर उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों के बलिदान से खिलवाड़ कर रही है.
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नैनीताल के पूर्व सांसद व हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल ने कहा सरकार प्रदेश में स्थाई राजधानी के मामले पर कोई फैसला नहीं कर पा रही है. ऐसे में हाईकोर्ट को नैनीताल से विस्थापित करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है. सभा के बाद रामसेवक सभा में एकत्र हुए सभी लोग मल्लीताल बाजार, माल रोड होते हुए तल्लीताल गांधी चौक पहुंचे. यहां गांधी चौक पर व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा नैनीताल से हाईकोर्ट को किसी भी स्थिति में विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. उत्तराखंड निर्माण के बाद हाईकोर्ट स्थाई रूप से बनाया गया था. जिसे नैनीताल से किसी दूसरे जगह भी स्थापित करना संवैधानिक का उल्लंघन होगा.
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वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी तिवारी ने कहा उत्तराखंड निर्माण के बाद जब सरकार नैनीताल में हाईकोर्ट का निर्माण कर रही थी. उस समय महिला राज्य आंदोलनकारी संघ ने नैनीताल में हाईकोर्ट निर्माण का पुरजोर विरोध किया था. जिसके बावजूद भी सरकार ने हाई कोर्ट नैनीताल में बनाया और अब जब करोड़ों रुपए खर्च कर हाईकोर्ट को स्थाई रूप से स्थापित कर दिया है तो सरकार उसे मैदानी क्षेत्र में बनाने जा रही है. जिसका अब समस्त क्षेत्रवासी विरोध कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन में हाईकोर्ट समेत जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की कमी दिखी. जिसके चलते नैनीताल से हाईकोर्ट को मैदानी क्षेत्रों में शिफ्ट करने के मामले में स्थानीय जनता और अधिवक्ता बंटे हुए नजर आ रहे हैं.

रामनगर में हाईकोर्ट शिफ्ट की मांग तेज: हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल को रामनगर शिफ्ट करने की मांग तेज हो गई है. रामनगर बार एसोसिएशन द्वारा चलाए जा रहे मांग को रामनगर के समस्त सामाजिक, राजनीतिक ,व्यापारिक संगठनों ने समर्थन देकर रेलवे आंदोलन की तरह जन आंदोलन चलाने पर सहमति जताई. रामनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं सचिव सुखदेव सिंह के संचालन में हुई रामनगर विकासखंड कार्यालय के सभागार सभा में संपन्न बैठक में सभी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने कहा कि बिन लड़ें रामनगर को कुछ भी नहीं मिला है. रामनगर को जो कुछ भी हासिल हुआ है रामनगर की जनता के ऐतिहासिक संघर्ष से प्राप्त हुआ है.

Last Updated : Nov 9, 2022, 2:13 PM IST
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