नैनीतालः मन में समाज सेवा का जज्बा हो, तो कोई उम्र मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही कर गुजरने की ठानी है, नैनीताल की एक बेटी स्निग्धा तिवारी ने. जिन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में जाकर जरूरतमंद लोगों की मदद करने का प्रण लिया है. साथ ही वह लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दे रही हैं.
बता दें कि स्निग्धा तिवारी गरीब महिलाओं और जरूरतमंद लोगों को एसिड अटैक, श्रम कानून, महिला सशक्तिकरण व महिलाओं के अधिकार के लिए जागरूक कर रही हैं. ताकि सभी लोग समाज में सम्मान के साथ जी सकें. स्निग्धा का कहना है कि भले ही उत्तराखंड राज्य का निर्माण जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए हुआ था लेकिन आज भी उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र बदहाल हैं.
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स्निग्धा का कहना है कि ग्रामीणों को आज उनके मौलिक अधिकार और कानूनी अधिकार पता नहीं है. दूरस्थ क्षेत्रों में लोग जानकारी के अभाव में जीने को मजबूर हैं. इसी बदहाली को देखते हुए उनके मन में ग्रामीणों की मदद और उनके अधिकार को बताने का फैसला किया है. ताकि ग्रामीण अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें और अपनी कानूनी और सामाजिक लड़ाई लड़ सकें.