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नियम विरुद्ध चलने वाले स्लॉटर हाउस मामले में हाई कोर्ट ने देहरादून डीएम से मांगा जवाब - Slotter House

दून घाटी में नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे स्लॉटर हाउस मामले पर हाईकोर्ट ने डीएम देहरादून से जवाब मांगा है. कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

nainital
हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Mar 2, 2020, 10:39 PM IST

नैनीताल: दून घाटी में नियम के विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए देहरादून डीएम को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने डीएम देहरादून से पूछा है कि जिन स्थानों पर जानवरों को काटा जा रहा है, उन लोगों द्वारा क्या केंद्र सरकार से एनओसी ली गई है या नहीं.

कोर्ट ने यह भी पूछा है कि जिन स्थानों पर स्लॉटरिंग हो रही है वहां पर 5 सौ किलो लीटर से ज्यादा पानी डिस्चार्ज तो नहीं हो रहा. वहीं मामले में डीएम को जांच पूरी कर 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है. मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी.

हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

आपको बता दें कि देहरादून निवासी वरुण सोबती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश भर के जिलों में जानवरों के आयात को बंद किया जाए, क्योंकि हाईकोर्ट द्वारा उत्तराखंड में नियम विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस को बंद करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद से उत्तराखंड के सभी स्लाटर हाउस बंद है, लेकिन उत्तराखंड के सभी जिलों में पशुओं का आयात किया जा रहा है और नियम विरुद्ध तरीके से पशुओं को काटा जा रहा है. जिस पर रोक लगनी चाहिए.

ये भी पढ़े: न्याय के लिए भटकती रही महिला, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज

वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा 1989 और फरवरी 2020 में आदेश पारित किया गया था. जिसके अनुसार दून वैली में रेड कैटेगरी के उद्योग नहीं खोले जा सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद भी दून वैली में खुलेआम जानवरों का काटा जा रहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि चीन में भी इसी तरह से खुलेआम जानवरों को काटा जा रहा था. जिस वजह से वहां कोरोना वायरस फैला है. अगर समय रहते उत्तराखंड में कोई उचित कदम नहीं उठाए गए तो यहां भी कोई भयंकर बीमारी उत्पन्न हो सकती है.

नैनीताल: दून घाटी में नियम के विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए देहरादून डीएम को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने डीएम देहरादून से पूछा है कि जिन स्थानों पर जानवरों को काटा जा रहा है, उन लोगों द्वारा क्या केंद्र सरकार से एनओसी ली गई है या नहीं.

कोर्ट ने यह भी पूछा है कि जिन स्थानों पर स्लॉटरिंग हो रही है वहां पर 5 सौ किलो लीटर से ज्यादा पानी डिस्चार्ज तो नहीं हो रहा. वहीं मामले में डीएम को जांच पूरी कर 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है. मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी.

हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

आपको बता दें कि देहरादून निवासी वरुण सोबती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश भर के जिलों में जानवरों के आयात को बंद किया जाए, क्योंकि हाईकोर्ट द्वारा उत्तराखंड में नियम विरुद्ध चल रहे स्लॉटर हाउस को बंद करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद से उत्तराखंड के सभी स्लाटर हाउस बंद है, लेकिन उत्तराखंड के सभी जिलों में पशुओं का आयात किया जा रहा है और नियम विरुद्ध तरीके से पशुओं को काटा जा रहा है. जिस पर रोक लगनी चाहिए.

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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा 1989 और फरवरी 2020 में आदेश पारित किया गया था. जिसके अनुसार दून वैली में रेड कैटेगरी के उद्योग नहीं खोले जा सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद भी दून वैली में खुलेआम जानवरों का काटा जा रहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि चीन में भी इसी तरह से खुलेआम जानवरों को काटा जा रहा था. जिस वजह से वहां कोरोना वायरस फैला है. अगर समय रहते उत्तराखंड में कोई उचित कदम नहीं उठाए गए तो यहां भी कोई भयंकर बीमारी उत्पन्न हो सकती है.

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