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'ऐपण कला' से सजी साड़ी मुंबई में बनाएगी पहचान, अमेरिका से भी आ चुकी है डिमांड

ऐपण कला आधुनिक चकाचौंध में कम होने लगी है. कुछ लोग इस कला को संजोने का काम कर रहे हैं. जिससे देवभूमि की संस्कृति और विरासत को बचाया जा सके.

Haldwani Saree News
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Published : Jun 24, 2021, 7:47 AM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में ऐपण कला लोगों की जीवनशैली में रचा और बसा हुआ है. ऐपण कला के बिना हर तीज और त्योहार अधूरा सा लगता है. जिसे लोगों द्वारा सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. जिसको बनाने में पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को महारत हासिल है. अब साड़ियों पर भी ऐपण कला दिखाई दे रही है. वहीं साड़ी पर खूबसूरत ऐपण कला का हर कोई मुरीद हो रहा है

हल्द्वानी के रामपुर रोड के रहने वाली अभिलाषा पालीवाल ऐपण डिजाइनर साड़ी तैयार की है, जो अपनी संस्कृति और विरासत को संजोने का काम कर रही हैं. वहीं मुंबई से पहाड़ी फिल्म 'गोपी भिना' की प्रोड्यूसर मीनाक्षी भट्ट ने उन्हें साड़ी बनाने का ऑर्डर दिया था, जिसे अभिलाषा ने बखूबी ढंग से ऐपण कला से सजाया है.

अभिलाषा ने अपनी ऐपण कला का लोहा मनवाया मनाते हुए ऐपण डिजाइनर साड़ी तैयार की है. साड़ी पूरी तरह से सिल्क साड़ी है. अभिलाषा पालीवाल का कहना है कि साड़ी की कीमत 14,500 है, इसको बनाने में दो महीने का समय लगा है. साड़ी ब्लाउज पीस के साथ है.

पढ़ें- काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर दिखेगी ऐपण कला, सैलानी भी होंगे रूबरू

कुमाऊंनी संस्कृति को बढ़ावा

अभिलाषा पालीवाल ने बताया कि कपड़े और गहने एक महिला के आत्मविश्वास और सुंदरता से जुड़े होते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और यहां की लोक परंपरा को साड़ी के माध्यम से पहचान दिलाने का काम किया गया है. अभिलाषा पालीवाल की कई कलाकृतियां उनकी पहचान बना चुकी हैं.

विदेश से साड़ी की डिमांड

बता दें कि, पर्वतजन आर्ट की संस्थापक अभिलाषा पालीवाल ने जब इंस्टाग्राम में ऐपण साड़ी की तस्वीर शेयर की तो न्यूयॉर्क में रहने वाली भारतीय मूल की महिला ने उनसे संपर्क किया और तीन साड़ियों की डिमांड की थी.

अब तक अभिलाषा द्वारा ऐपण कला के माध्यम से कई उत्पाद बनाए गए. उनके इस नवाचार को जगह-जगह सराहना मिली. उनके द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति कला को प्रदर्शित करती कई सामग्रियां बनाई गई हैं. जिनमें तोरण द्वार, कॉटन बैग, बुक मार्क, पोस्टर, डायरी, घर कार्यालय के बाहर लगने वाले परिचय पट सहित कई अन्य वस्तुएं हैं.

हल्द्वानी: कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में ऐपण कला लोगों की जीवनशैली में रचा और बसा हुआ है. ऐपण कला के बिना हर तीज और त्योहार अधूरा सा लगता है. जिसे लोगों द्वारा सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. जिसको बनाने में पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को महारत हासिल है. अब साड़ियों पर भी ऐपण कला दिखाई दे रही है. वहीं साड़ी पर खूबसूरत ऐपण कला का हर कोई मुरीद हो रहा है

हल्द्वानी के रामपुर रोड के रहने वाली अभिलाषा पालीवाल ऐपण डिजाइनर साड़ी तैयार की है, जो अपनी संस्कृति और विरासत को संजोने का काम कर रही हैं. वहीं मुंबई से पहाड़ी फिल्म 'गोपी भिना' की प्रोड्यूसर मीनाक्षी भट्ट ने उन्हें साड़ी बनाने का ऑर्डर दिया था, जिसे अभिलाषा ने बखूबी ढंग से ऐपण कला से सजाया है.

अभिलाषा ने अपनी ऐपण कला का लोहा मनवाया मनाते हुए ऐपण डिजाइनर साड़ी तैयार की है. साड़ी पूरी तरह से सिल्क साड़ी है. अभिलाषा पालीवाल का कहना है कि साड़ी की कीमत 14,500 है, इसको बनाने में दो महीने का समय लगा है. साड़ी ब्लाउज पीस के साथ है.

पढ़ें- काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर दिखेगी ऐपण कला, सैलानी भी होंगे रूबरू

कुमाऊंनी संस्कृति को बढ़ावा

अभिलाषा पालीवाल ने बताया कि कपड़े और गहने एक महिला के आत्मविश्वास और सुंदरता से जुड़े होते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और यहां की लोक परंपरा को साड़ी के माध्यम से पहचान दिलाने का काम किया गया है. अभिलाषा पालीवाल की कई कलाकृतियां उनकी पहचान बना चुकी हैं.

विदेश से साड़ी की डिमांड

बता दें कि, पर्वतजन आर्ट की संस्थापक अभिलाषा पालीवाल ने जब इंस्टाग्राम में ऐपण साड़ी की तस्वीर शेयर की तो न्यूयॉर्क में रहने वाली भारतीय मूल की महिला ने उनसे संपर्क किया और तीन साड़ियों की डिमांड की थी.

अब तक अभिलाषा द्वारा ऐपण कला के माध्यम से कई उत्पाद बनाए गए. उनके इस नवाचार को जगह-जगह सराहना मिली. उनके द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति कला को प्रदर्शित करती कई सामग्रियां बनाई गई हैं. जिनमें तोरण द्वार, कॉटन बैग, बुक मार्क, पोस्टर, डायरी, घर कार्यालय के बाहर लगने वाले परिचय पट सहित कई अन्य वस्तुएं हैं.

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