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Shortage of Village Development Officers: ऐसे कैसे संवरेंगे गांव, जब ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं तैनात

नैनीताल जिले में ग्राम विकास अधिकारियों की भारी कमी है. जिससे जनपद के कई गांवों में सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. जबकि ग्राम विकास अधिकारियों की से लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि एक ग्राम विकास अधिकारी पर कई गांवों का जिम्मा थोपा गया है, जिस कारण वो लंबी छुट्टी लेकर गायब हो जाते हैं.

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Published : Jan 23, 2023, 8:45 AM IST

Updated : Jan 23, 2023, 9:53 AM IST

नैनीताल में ग्राम विकास अधिकारियों की कमी

हल्द्वानी: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन गांव के विकास में योजनाओं को क्रियान्वित करवाने वाले ग्राम विकास अधिकारियों की उत्तराखंड में भारी कमी है. वहीं नैनीताल जिले में ग्राम विकास अधिकारियों की कमी से गांव विकास में पिछड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि एक ग्राम विकास अधिकारी के हवाले 20 से 25 ग्राम पंचायतें हैं. ऐसे में गांव में मनरेगा कार्यों, ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाले जरूरी प्रमाण पत्रों के अलावा विकास कार्यों का काम समय से नहीं हो पा रहे हैं.

नैनीताल जनपद में कुल 44 न्याय पंचायत और 511 ग्राम पंचायते हैं, जहां 82 ग्राम विकास अधिकारी के पद सृजित हैं. जिसके सापेक्ष में मात्र 35 ग्राम विकास अधिकारी लंबे समय से काम कर रहे हैं. यही नहीं जनपद में 8 पद बीडीओ के हैं, जिसके सापेक्ष में 2 बीडीओ रेगुलर तैनात हैं. यही स्थिति विभाग के अन्य पदों पर हैं, जहां कर्मचारियों की भारी कमी है. ग्राम विकास अधिकारियों और बीडीओ की कमी से जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वित प्रभावित हो रहा है. ग्राम विकास अधिकारी की कमी का सबसे ज्यादा असर नैनीताल जनपद के दुरुस्त पहाड़ी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है.
पढ़ें-Haldwani News: नौकरी जाने पर युवाओं ने निकाली पदयात्रा, गोल्ज्यू दरबार में लगाई अर्जी

जहां लोगों को अपने जन्म,मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि रिक्त पद अधिक होने के चलते ग्राम विकास अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र के साथ साथ 20 से 25 ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त कार्य देखने पड़ रहे हैं. जिसके चलते बहुत से अधिकारी लंबी छुट्टी लेकर गायब हो जाते हैं. यही नहीं पहाड़ की ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थिति अलग होने के चलते ग्राम विकास अधिकारियों के पास अधिक ग्राम पंचायत होने के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पढ़ें-Self Employment: स्वरोजगार के लिए ऐसे करें आवेदन, मिलेगा सब्सिडी में 25 लाख तक का लोन
ग्राम विकास अधिकारी अपनी मांगों को लेकर कई बार आवाज भी उठाते रहे हैं. लेकिन शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इस पूरे मामले में ग्राम विकास विभाग मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारियों के पदों की भारी कमी है. इसके लिए शासन स्तर पर नियुक्तियां निकालने की कार्रवाई चल रही है. जल्द नियुक्तियां निकालकर इन पदों पर भर्तियां की जाएंगी.

नैनीताल में ग्राम विकास अधिकारियों की कमी

हल्द्वानी: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन गांव के विकास में योजनाओं को क्रियान्वित करवाने वाले ग्राम विकास अधिकारियों की उत्तराखंड में भारी कमी है. वहीं नैनीताल जिले में ग्राम विकास अधिकारियों की कमी से गांव विकास में पिछड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि एक ग्राम विकास अधिकारी के हवाले 20 से 25 ग्राम पंचायतें हैं. ऐसे में गांव में मनरेगा कार्यों, ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाले जरूरी प्रमाण पत्रों के अलावा विकास कार्यों का काम समय से नहीं हो पा रहे हैं.

नैनीताल जनपद में कुल 44 न्याय पंचायत और 511 ग्राम पंचायते हैं, जहां 82 ग्राम विकास अधिकारी के पद सृजित हैं. जिसके सापेक्ष में मात्र 35 ग्राम विकास अधिकारी लंबे समय से काम कर रहे हैं. यही नहीं जनपद में 8 पद बीडीओ के हैं, जिसके सापेक्ष में 2 बीडीओ रेगुलर तैनात हैं. यही स्थिति विभाग के अन्य पदों पर हैं, जहां कर्मचारियों की भारी कमी है. ग्राम विकास अधिकारियों और बीडीओ की कमी से जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वित प्रभावित हो रहा है. ग्राम विकास अधिकारी की कमी का सबसे ज्यादा असर नैनीताल जनपद के दुरुस्त पहाड़ी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है.
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जहां लोगों को अपने जन्म,मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि रिक्त पद अधिक होने के चलते ग्राम विकास अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र के साथ साथ 20 से 25 ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त कार्य देखने पड़ रहे हैं. जिसके चलते बहुत से अधिकारी लंबी छुट्टी लेकर गायब हो जाते हैं. यही नहीं पहाड़ की ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थिति अलग होने के चलते ग्राम विकास अधिकारियों के पास अधिक ग्राम पंचायत होने के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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ग्राम विकास अधिकारी अपनी मांगों को लेकर कई बार आवाज भी उठाते रहे हैं. लेकिन शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इस पूरे मामले में ग्राम विकास विभाग मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारियों के पदों की भारी कमी है. इसके लिए शासन स्तर पर नियुक्तियां निकालने की कार्रवाई चल रही है. जल्द नियुक्तियां निकालकर इन पदों पर भर्तियां की जाएंगी.

Last Updated : Jan 23, 2023, 9:53 AM IST
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