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उत्तराखंड में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों और सदस्यों की कमी, HC ने मांगा स्पष्टीकरण

Uttarakhand High Court उत्तराखंड के 13 जिलों में से 11 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों और सदस्यों की कमी है. जिसका हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की है. मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं.

Nainital high court
नैनीताल उच्च न्यायालय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 8:29 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के 13 जिलों में से 11 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों और सदस्यों की कमी के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.

समाचार पत्र में छपी खबर पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान: दरअसल, हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की है. मामले के तहत उत्तराखंड में राज्य उपभोक्ता आयोग के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों में जिला उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया है, लेकिन 13 में से 11 जिलों में अध्यक्ष और सदस्य मौजूद नहीं हैं. जिससे उपभोक्ता मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है.
ये भी पढ़ें: कालसी में साल के पेड़ों के अवैध कटान का मामला, सख्त हुआ हाईकोर्ट, प्रमुख वन संरक्षक को दिये ये निर्देश

मामले में दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करेगी सरकार: उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी ,पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और चंपावत में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है. वहीं, हरिद्वार और देहरादून के कंज्यूमर फोरम निष्क्रिय साबित हुए हैं. हरिद्वार में तो उपभोक्ता फोरम के वादों की सुनवाई एक साल से नहीं हुई और देहरादून में वादों की अंतिम सुनवाई सितंबर 2022 को हुई थी.

उधर, हरिद्वार और देहरादून में उपभोक्ता फोरम के 1470 वाद लंबित हैं. समय पर वादों की सुनवाई न होने पर उपभोक्ताओं को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है. यही हाल अन्य जिलों का भी है. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
ये भी पढ़ें: देहरादून में फ्लाईओवर के गलत नक्शे की वजह से कई लोग गंवा चुके जान, HC ने सचिव शहरी विकास को किया तलब

नैनीताल: उत्तराखंड के 13 जिलों में से 11 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों और सदस्यों की कमी के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.

समाचार पत्र में छपी खबर पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान: दरअसल, हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की है. मामले के तहत उत्तराखंड में राज्य उपभोक्ता आयोग के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों में जिला उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया है, लेकिन 13 में से 11 जिलों में अध्यक्ष और सदस्य मौजूद नहीं हैं. जिससे उपभोक्ता मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है.
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मामले में दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करेगी सरकार: उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी ,पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और चंपावत में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है. वहीं, हरिद्वार और देहरादून के कंज्यूमर फोरम निष्क्रिय साबित हुए हैं. हरिद्वार में तो उपभोक्ता फोरम के वादों की सुनवाई एक साल से नहीं हुई और देहरादून में वादों की अंतिम सुनवाई सितंबर 2022 को हुई थी.

उधर, हरिद्वार और देहरादून में उपभोक्ता फोरम के 1470 वाद लंबित हैं. समय पर वादों की सुनवाई न होने पर उपभोक्ताओं को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है. यही हाल अन्य जिलों का भी है. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
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