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छात्र की मौत मामला: शेरवुड कॉलेज के प्रिंसिपल, वार्डन और सिस्टर को दो-दो साल की सजा, 50 हजार जुर्माना भी

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने छात्र की मौत मामले में लापरवाही के दोषी शेरवुड कॉलेज के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व सिस्टर पायल को धारा 304A के तहत दो-दो साल की कैद व 50-50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. ये मामला साल 2014 का है.

Student death case nainital
छात्र की मौत मामला.
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Published : Jun 29, 2022, 5:57 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 7:28 PM IST

नैनीताल: शहर के जाने माने शेरवुड कॉलेज प्रबंधन को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने छात्र के इलाज में लापरवाही से मौत मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और वार्डन समेत एक अन्य कर्मचारी को दो साल की सजा सुनाई है. साल ही जिला न्यायलय ने सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि साल 2014 में नेपाल निवासी कक्षा 9 के छात्र शांत प्रजापति की स्कूल में तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र का कॉलेज इनफॉर्मरी में उपचार करवाया. स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने के बाद छात्र को उपचार के लिए हल्द्वानी बॉम्बे अस्पताल भेजा गया, वहां जाकर पता चला कि छात्र कई दिनों से बीमार था. हल्द्वानी में डॉक्टरों ने छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही छात्र की मौत हो गई.

कोर्ट ने शेरवुड स्कूल के प्रिंसिपल समेत तीन को सुनाई दो साल की सजा.

पढ़ें- CM धामी ने लिया उदयपुर हत्याकांड का संज्ञान, गृह व पुलिस विभाग को अलर्ट रहने के दिये निर्देश
इस घटना के बाद छात्र के परिजनों ने बेटे के इलाज में लापरवाही व मौत के मामले में नैनीताल के तल्लीताल थाने में 302 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. कॉलेज के प्रिंसिपल अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व सिस्टर पायल पर इलाज कराने में देरी एवं लापरवाही करने का आरोप लगाया गया था.

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस व नैनीताल एडीएम ने मामले की जांच की, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार और कर्मचारी पायल पॉल को दोषी पाया गया. इस केस में मृतक छात्र के रूम पार्टनर और कॉलेज के डॉक्‍टर समेत 15 लोगों ने गवाही दी. कोर्ट को बताया गया कि शांत की तबीयत 8 नवंबर से ही खराब थी, लेकिन उसे अस्‍पताल नहीं ले जाया गया. नैनीताल जिला न्यायालय की सेशन कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद प्रधानाचार्य, हॉस्टल वार्डन व सिस्टर को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई है, साथ ही सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

इस मामले की सुनवाई के बाद प्रिंसिपल समेत अन्य के द्वारा अपनी रिहाई को लेकर अंतरिम जमानत याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रिंसिपल, स्कूल वार्डन समेत हॉस्टल सिस्टर को एक महीने के लिए अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया है.

नैनीताल: शहर के जाने माने शेरवुड कॉलेज प्रबंधन को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने छात्र के इलाज में लापरवाही से मौत मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और वार्डन समेत एक अन्य कर्मचारी को दो साल की सजा सुनाई है. साल ही जिला न्यायलय ने सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि साल 2014 में नेपाल निवासी कक्षा 9 के छात्र शांत प्रजापति की स्कूल में तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र का कॉलेज इनफॉर्मरी में उपचार करवाया. स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने के बाद छात्र को उपचार के लिए हल्द्वानी बॉम्बे अस्पताल भेजा गया, वहां जाकर पता चला कि छात्र कई दिनों से बीमार था. हल्द्वानी में डॉक्टरों ने छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही छात्र की मौत हो गई.

कोर्ट ने शेरवुड स्कूल के प्रिंसिपल समेत तीन को सुनाई दो साल की सजा.

पढ़ें- CM धामी ने लिया उदयपुर हत्याकांड का संज्ञान, गृह व पुलिस विभाग को अलर्ट रहने के दिये निर्देश
इस घटना के बाद छात्र के परिजनों ने बेटे के इलाज में लापरवाही व मौत के मामले में नैनीताल के तल्लीताल थाने में 302 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. कॉलेज के प्रिंसिपल अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व सिस्टर पायल पर इलाज कराने में देरी एवं लापरवाही करने का आरोप लगाया गया था.

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस व नैनीताल एडीएम ने मामले की जांच की, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार और कर्मचारी पायल पॉल को दोषी पाया गया. इस केस में मृतक छात्र के रूम पार्टनर और कॉलेज के डॉक्‍टर समेत 15 लोगों ने गवाही दी. कोर्ट को बताया गया कि शांत की तबीयत 8 नवंबर से ही खराब थी, लेकिन उसे अस्‍पताल नहीं ले जाया गया. नैनीताल जिला न्यायालय की सेशन कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद प्रधानाचार्य, हॉस्टल वार्डन व सिस्टर को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई है, साथ ही सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

इस मामले की सुनवाई के बाद प्रिंसिपल समेत अन्य के द्वारा अपनी रिहाई को लेकर अंतरिम जमानत याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रिंसिपल, स्कूल वार्डन समेत हॉस्टल सिस्टर को एक महीने के लिए अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया है.

Last Updated : Jun 29, 2022, 7:28 PM IST
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