नैनीताल: हरिद्वार शांतिकुंज में नाबालिग के साथ दुराचार मामले में डॉ. प्रणव पांड्या की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले में सख्त रुख अपानते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है. हाई कोर्ट ने मामले की विस्तृत रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर पेश करने को कहा है.
शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या के घर काम करने वाली 14 साल की नाबालिग के साथ कई बार दुराचार के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने हरिद्वार के एसएसपी को मामले की विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने मामले में जांच कर रहे जांच अधिकारी (IO) को निर्देश दिए हैं कि सीआरपीसी की धारा 161व 162 में पीड़िता के बयान दर्ज कर पूरी रिपोर्ट पेश करें.
पढ़ें- भारत-चीन तनाव पर पक्ष-विपक्ष एकजुट, CM त्रिवेंद्र बोले- 1962 को दोहराना चाहती थी चीनी सेना
हरिद्वार के रहने वाले अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि छत्तीसगढ़ के एक गरीब परिवार की रहने वाली नाबालिग लड़की को उसके माता-पिता ने शांतिकुंज गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी के घर काम करने के लिए छोड़ा था. मगर प्रणव पांड्या ने नाबालिग लड़की के साथ कई बार दुराचार किया. जिसकी शिकायत पीड़िता ने पांड्या की पत्नी से भी की थी, लेकिन पांड्या की पत्नी ने नाबालिग को डरा धमकाकर उसका मुंह बंद कर दिया.
पढ़ें- लक्सर: दिल्ली से लौटी 13 साल की लड़की निकली कोरोना पॉजिटिव
याचिकाकर्ता ने कहा कि पांड्या का खाता सील करने के साथ ही उत्तराखंड में इनके द्वारा संचालित की जा रही चार्टर्ड यूनिवर्सिटी पर भी कार्रवाई की जाए. नाबालिग के साथ दुराचार के मामले पर पीड़िता के द्वारा दिल्ली के विवेक विहार में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म और उनकी पत्नी पर धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद 5 मई को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. तहरीर में युवती ने बताया था कि शांतिकुंज में रहने के दौरान प्रणव पांड्या ने 4 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया था. तब वो नाबालिग थी और शांतिकुंज में खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी. जब उसने इस बात को उनकी पत्नी से बताया तो उन्होंने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद वो घबरा गई थी. दुष्कर्म का ये मुकदमा दिल्ली में दर्ज कराया गया था, जिसे दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार ट्रांसफर कर दिया था.