हल्द्वानी: उत्तराखंड में सैन्य धाम बनाए जाने को लेकर निकाली गई शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत नैनीताल जिले के बिंदुखता गांव स्थित शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के घर शुरू की गई. सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सैनिक और पूर्व सैनिक सहित अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए, लेकिन इस दौरान अधिकारियों, विधायक और पूर्व सैनिकों को शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के परिवार के लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी.
दरअसल, सैनिक सम्मान यात्रा मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मानित शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के घर से शुरू हुई. इस दौरान जब सैन्य अधिकारी शहीद के आंगन से मिट्टी उठाने लगे तो परिजनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की मां राधिका देवी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 6 साल पहले उसके बेटे ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया, उस दौरान कई नेता, अधिकारी, मंत्री और खुद मुख्यमंत्री उनके घर पहुंचे थे और कई घोषणाएं की थीं, जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं.
ये घोषणाएं नहीं हुईं पूरी: शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के परिजनों ने बताया कि शहीद के नाम पर स्कूल का नाम रखे जाने, मिनी स्टेडियम बनाए जाने और उनकी पत्नी को नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन 6 साल बाद अभी तक उनके बेटे की शहादत को श्रद्धांजलि नहीं मिली, क्योंकि जो घोषणाएं सरकार ने की थीं वो आज हवा हवाई हो गई हैं. ऐसे में वो अपने आंगन से मिट्टी उठाने की इजाजत नहीं देंगे.
शहीद की पत्नी भावना गोस्वामी ने विरोध जताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे, वो आज सिर्फ फाइलों तक सीमित हैं. इस संबंध में वो मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला . उन्होंने कहा है कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया जो जल्द ही सरकार के खिलाफ अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे.
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काफी मान-मनौव्ल के बाद उठाई गई मिट्टी: फिलहाल, अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम की तरफ से शहीद की पत्नी भावना गोस्वामी के मान मन्नौवल के बाद घर से मिट्टी उठाई गई, लेकिन शहीद की मां, पत्नी और भाइयों ने इसका पुरजोर विरोध किया.
इस दौरान शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के भाई शंभू नाथ गोस्वामी ने भी सरकार पर परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, सरकार के रवैये से साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार सैनिकों के प्रति गंभीर नहीं है और आज उनके आंगन से जबरदस्ती शहीद के नाम पर मिट्टी ले जाई गई है.
वहीं, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी रिटायर्ड कैप्टन आरएस धपोला ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा के जरिए 25 नवंबर तक नैनीताल जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के 56 शहीद परिवारों के आंगन से मिट्टी उठाई जानी है, जिसकी शुरुआत बिंदुखत्ता गांव से की गई है. पहले दिन 16 परिवारों के आंगन से मिट्टी उठाई जानी है. इस मिट्टी को 6 दिसंबर को देहरादून में बनने वाले सैन्यधाम के लिए हल्द्वानी से भेजा जाएगा, जबकि 27 नवंबर को हल्द्वानी में सैनिक सम्मान का एक भव्य कार्यक्रम आयोजन किया जाना है, जिसमें शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा.
10 आतंकियों को मार गिराया: बिन्दुखत्ता निवासी शहीद मोहन नाथ गोस्वामी ने 2 सितंबर, 2015 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के हंदवाड़ा के जंगल में आतंकियों से लोहा लेते हुए 10 आतंकियों को मार गिराया था, जहां वह उन्होंने अपनी शहादत दी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने शहीद मोहन नाथ गोस्वामी को अशोक चक्र से नवाजा था.