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हल्द्वानी शहर में जर्जर भवनों को किया जाएगा चिन्हित, तैयार होगी लिस्ट

उत्तराखंड में भूकंप के झटकों के बाद हल्द्वानी प्रशासन एक्टिव हो गया है. हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह (City Magistrate Richa Singh) ने शहरभर में जर्जर भवनों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट(Identify and list dilapidated buildings) बनाने के लिए एक टीम बनाई है.

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हल्द्वानी शहर में जर्जर भवनों को किया जाएगा चिन्हित
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Published : Nov 9, 2022, 3:31 PM IST

हल्द्वानी: कल देर रात आये भूकंप के बाद सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह ने एक टीम गठित की है. टीम का काम हल्द्वानी शहर में जर्जर भवनों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट बनाना है. तहसील और नगर निगम की टीम शहर में उन जर्जर भवनों को चिन्हित (Identify and list dilapidated buildings) करने का काम करेगी, जो शहर के लिए खतरा बन सकते हैं.

दरअसल शहर में कई ऐसे जर्जर भवन हैं जो कभी भी भूकंप के झटकों से धराशायी हो सकते हैं. इससे आम जनता को भी खतरा हो सकता है. सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के मुताबिक ऐसे मकान मालिकों को मकान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं. नगर निगम के द्वारा कई बार नोटिस भी भेजा गया है, इसके अलावा कुछ जर्जर मकान ऐसे हैं जिसमें काफी लंबे समय से लोग रह रहे हैं उनसे प्रशासन से अन्यत्र शिफ्ट होने की अपील की है. सिटी मजिस्ट्रेट के मुताबिक यदि जर्जर भवन से संबंधित कोई भी घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी उस भवन स्वामी की होगी.

पढे़ं- उत्तराखंड में 10 साल में आए 7000 भूकंप, बचने के लिए ये हैं वैज्ञानिकों के सुझाव

बता दें देश के कई हिस्सों में एक बार फिर देर रात भूकंप के झटके महसूस हुए. सबसे अधिक नेपाल और उत्तराखंड बॉर्डर पर इन झटकों को महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर 6.3 की तीव्रता वाले झटकों से ना केवल धरती डोली, बल्कि नेपाल में कई लोगों की मौत की खबर भी है. पूरी हिमालय बेल्ट भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है.

यही कारण है कि समय-समय पर वैज्ञानिक इस पर शोध करके जानकारियां सार्वजनिक करते रहते हैं, ताकि उनके बताए उपाय अपनाकर लोग इन झटकों से अपने घरों और अपने आप को सुरक्षित रख सकें. एक आंकड़े के मुताबिक हर साल उत्तराखंड में 1000 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

हल्द्वानी: कल देर रात आये भूकंप के बाद सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह ने एक टीम गठित की है. टीम का काम हल्द्वानी शहर में जर्जर भवनों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट बनाना है. तहसील और नगर निगम की टीम शहर में उन जर्जर भवनों को चिन्हित (Identify and list dilapidated buildings) करने का काम करेगी, जो शहर के लिए खतरा बन सकते हैं.

दरअसल शहर में कई ऐसे जर्जर भवन हैं जो कभी भी भूकंप के झटकों से धराशायी हो सकते हैं. इससे आम जनता को भी खतरा हो सकता है. सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के मुताबिक ऐसे मकान मालिकों को मकान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं. नगर निगम के द्वारा कई बार नोटिस भी भेजा गया है, इसके अलावा कुछ जर्जर मकान ऐसे हैं जिसमें काफी लंबे समय से लोग रह रहे हैं उनसे प्रशासन से अन्यत्र शिफ्ट होने की अपील की है. सिटी मजिस्ट्रेट के मुताबिक यदि जर्जर भवन से संबंधित कोई भी घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी उस भवन स्वामी की होगी.

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बता दें देश के कई हिस्सों में एक बार फिर देर रात भूकंप के झटके महसूस हुए. सबसे अधिक नेपाल और उत्तराखंड बॉर्डर पर इन झटकों को महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर 6.3 की तीव्रता वाले झटकों से ना केवल धरती डोली, बल्कि नेपाल में कई लोगों की मौत की खबर भी है. पूरी हिमालय बेल्ट भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है.

यही कारण है कि समय-समय पर वैज्ञानिक इस पर शोध करके जानकारियां सार्वजनिक करते रहते हैं, ताकि उनके बताए उपाय अपनाकर लोग इन झटकों से अपने घरों और अपने आप को सुरक्षित रख सकें. एक आंकड़े के मुताबिक हर साल उत्तराखंड में 1000 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

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