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बारिश का कहर: कुमाऊं में 124 सड़कें बंद, नैनीताल में सबसे ज्यादा 62 मार्ग अवरुद्ध

कुमाऊं में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कुमाऊं में कुल 124 सड़कें बंद हैं, तो वहीं, नैनीताल जिले में अब तक 62 सड़कें बंद हैं. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि कुमाऊं मंडल में ज्यादातर हाईवे खुले हुए हैं. आदि कैलाश यात्रा के कुछ यात्रियों को पिथौरागढ़ में अलग-अलग सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. बारिश से प्रभावित इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति सामान्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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हल्द्वानी
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Published : Oct 10, 2022, 5:19 PM IST

हल्द्वानी: पहाड़ों में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदी और नाले उफान पर हैं. कुमाऊं मंडल में 124 जगहों पर सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं. सड़कों को खोलने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस लगातार काम कर रही है लेकिन लगातार होने बारिश राहत कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही है. सबसे ज्यादा नैनीताल जनपद में 62 सड़कें बंद हैं, जिसमें आंतरिक और राज्य मार्ग शामिल हैं.

कुमाऊं डिप्टी कमिश्नर जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि कुमाऊं मंडल में 124 सड़के बंद हैं, जिसमें 7 बॉर्डर मार्ग, 12 राज्य मार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं. इसके अलावा 98 आंतरिक और ग्रामीण मार्ग है, जो पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. इन सड़कों को खोलने का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते काम में बाधा उत्पन्न हो रही है.

कुमाऊं में 124 सड़कें बंद.

नैनीताल जनपद में 62 सड़कें बंद हैं, जबकि अल्मोड़ा में 13, पिथौरागढ़ में 24, बागेश्वर में एक और चंपावत में 24 सड़क बंद है, जिसमें आंतरिक और राज्य मार्ग के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है. पीडब्ल्यूडी को अधिक से अधिक जेसीबी मशीनों के माध्यम से सड़क खोलने की निर्देश दिए गए हैं.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक कुमाऊं मंडल में ज्यादातर हाईवे खुले हुए हैं. आदि कैलाश यात्रा के कुछ यात्रियों को पिथौरागढ़ में अलग-अलग सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. कुमाऊं मंडल के सभी जिला अधिकारियों को बारिश से प्रभावित इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति सामान्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

लगातार बारिश होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. बारिश को लेकर कुमाऊं कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है कि अपने अपने जिले और क्षेत्रों में अलर्ट रहने की जरूरत है. सभी जिलाधिकारियों से मोबाइल फोन से संपर्क करते हुए भी अलर्ट पर रहने के लिए कहा है.
पढ़ें- रामनगर: कोसी के बढ़ते जलस्तर में गर्जिया की दुकानें हुईं जलमग्न

नैनीताल एसपी ट्रैफिक जगदीश चंद्र का कहना है कि सड़कों को खोलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा लोगों से अपील की जा रही है कि बेवजह पहाड़ों पर यात्रा ना करें. साथ ही नदी नालों के किनारे रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

अल्मोड़ा में एक घर पर मलबा आने से 24 बकरियां दफन हो गईं. पर्वतीय रास्तों में कई स्थानों पर पेड़ गिरे हैं. टनकपुर पिथौरागढ़ हाईवे कई स्थानों मलबा आने से बंद है. रामनगर के धनगढ़ी नाले के उफान पर आने से कुमाऊं का गढ़वाल से संपर्क फिलहाल कट गया है. बारिश का असर सबसे ज्यादा पिथौरागढ़ और नैनीताल जनपद में दिखा जा रहा है, जहां सबसे अधिक सड़कें बंद हैं.

भारी बारिश के बाद तापमान लुढ़का: मूसलाधार बारिश ने पहाड़ों में तापमान लुढ़कने से ठंड बढ़ गई है. लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है. गौला नदी का जलस्तर 25 हजार क्यूसेक के पास पहुंच गया है, जिसके बाद में निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है.

हल्द्वानी: पहाड़ों में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदी और नाले उफान पर हैं. कुमाऊं मंडल में 124 जगहों पर सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं. सड़कों को खोलने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस लगातार काम कर रही है लेकिन लगातार होने बारिश राहत कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही है. सबसे ज्यादा नैनीताल जनपद में 62 सड़कें बंद हैं, जिसमें आंतरिक और राज्य मार्ग शामिल हैं.

कुमाऊं डिप्टी कमिश्नर जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि कुमाऊं मंडल में 124 सड़के बंद हैं, जिसमें 7 बॉर्डर मार्ग, 12 राज्य मार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं. इसके अलावा 98 आंतरिक और ग्रामीण मार्ग है, जो पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. इन सड़कों को खोलने का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते काम में बाधा उत्पन्न हो रही है.

कुमाऊं में 124 सड़कें बंद.

नैनीताल जनपद में 62 सड़कें बंद हैं, जबकि अल्मोड़ा में 13, पिथौरागढ़ में 24, बागेश्वर में एक और चंपावत में 24 सड़क बंद है, जिसमें आंतरिक और राज्य मार्ग के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है. पीडब्ल्यूडी को अधिक से अधिक जेसीबी मशीनों के माध्यम से सड़क खोलने की निर्देश दिए गए हैं.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक कुमाऊं मंडल में ज्यादातर हाईवे खुले हुए हैं. आदि कैलाश यात्रा के कुछ यात्रियों को पिथौरागढ़ में अलग-अलग सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. कुमाऊं मंडल के सभी जिला अधिकारियों को बारिश से प्रभावित इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति सामान्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

लगातार बारिश होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. बारिश को लेकर कुमाऊं कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है कि अपने अपने जिले और क्षेत्रों में अलर्ट रहने की जरूरत है. सभी जिलाधिकारियों से मोबाइल फोन से संपर्क करते हुए भी अलर्ट पर रहने के लिए कहा है.
पढ़ें- रामनगर: कोसी के बढ़ते जलस्तर में गर्जिया की दुकानें हुईं जलमग्न

नैनीताल एसपी ट्रैफिक जगदीश चंद्र का कहना है कि सड़कों को खोलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा लोगों से अपील की जा रही है कि बेवजह पहाड़ों पर यात्रा ना करें. साथ ही नदी नालों के किनारे रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

अल्मोड़ा में एक घर पर मलबा आने से 24 बकरियां दफन हो गईं. पर्वतीय रास्तों में कई स्थानों पर पेड़ गिरे हैं. टनकपुर पिथौरागढ़ हाईवे कई स्थानों मलबा आने से बंद है. रामनगर के धनगढ़ी नाले के उफान पर आने से कुमाऊं का गढ़वाल से संपर्क फिलहाल कट गया है. बारिश का असर सबसे ज्यादा पिथौरागढ़ और नैनीताल जनपद में दिखा जा रहा है, जहां सबसे अधिक सड़कें बंद हैं.

भारी बारिश के बाद तापमान लुढ़का: मूसलाधार बारिश ने पहाड़ों में तापमान लुढ़कने से ठंड बढ़ गई है. लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है. गौला नदी का जलस्तर 25 हजार क्यूसेक के पास पहुंच गया है, जिसके बाद में निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है.

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