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नैनीताल HC ने वरिष्ठ नागरिकों को दी सौगात, कोर्ट-कचहरी के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर सीनियर सिटीजन के अधिकारों के लिए उचित प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के आदेश दिए. जिससे एक्ट को सही प्रकार से सीनियर सिटीजन तक पहुंचाया जा सके. ऐसे में अब वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए बार-बार कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 27, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:34 PM IST

नैनीतालः प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए बार-बार कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके लिए हर जिले में मेंटेनेंस अधिकारी तैनात रहेंगे. जो वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का 1 महीने के भीतर निस्तारण करेंगे. वहीं, अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का निस्तारण नहीं होने पर डीएम स्तर के अपीलीय अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत पर सुनवाई करेंगे.

गौर हो कि, केंद्र सरकार ने 2007 में वरिष्ठ नागरिक मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था. जिसमें कहा गया था कि सभी राज्य सरकार आदेश के 6 महीने के भीतर अपने राज्य में इस एक्ट के नियम को बनाकर लागू करें. इस एक्ट में एसडीएम स्तर के अधिकारी को मेंटेनेंस अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा था.

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साथ ही इस एक्ट का प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए आज तक नियमावली तैयार नहीं की. जिसके बाद हरिद्वार निवासी कैलाश शर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश का कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

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याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के एक्ट को लागू कर दिया है. वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 3 महीने के भीतर सीनियर सिटीजन के अधिकारों के लिए उचित प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. जिससे एक्ट को सही प्रकार से सीनियर सिटीजन तक पहुंचाया जा सके.

नैनीतालः प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए बार-बार कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके लिए हर जिले में मेंटेनेंस अधिकारी तैनात रहेंगे. जो वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का 1 महीने के भीतर निस्तारण करेंगे. वहीं, अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का निस्तारण नहीं होने पर डीएम स्तर के अपीलीय अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत पर सुनवाई करेंगे.

गौर हो कि, केंद्र सरकार ने 2007 में वरिष्ठ नागरिक मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था. जिसमें कहा गया था कि सभी राज्य सरकार आदेश के 6 महीने के भीतर अपने राज्य में इस एक्ट के नियम को बनाकर लागू करें. इस एक्ट में एसडीएम स्तर के अधिकारी को मेंटेनेंस अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा था.

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साथ ही इस एक्ट का प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए आज तक नियमावली तैयार नहीं की. जिसके बाद हरिद्वार निवासी कैलाश शर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश का कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

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याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के एक्ट को लागू कर दिया है. वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 3 महीने के भीतर सीनियर सिटीजन के अधिकारों के लिए उचित प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. जिससे एक्ट को सही प्रकार से सीनियर सिटीजन तक पहुंचाया जा सके.

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प्रदेश के सीनियर सिटीजन को अब अपनी शिकायतों के लिए बार-बार कोर्ट और कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शिकायतों के लिए बार-बार कोर्ट कचहरी का चक्कर नही लगाने पड़ेंगे, वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत के लिए हर जिले में मेंटेनेंस अधिकारी तैनात रहेंगे जो वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का 1 महीने के भीतर निस्तारण करेंगे अगर अधिकारियों के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का निस्तारण नहीं होगा तो डीएम स्तर के अपीलीय अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत पर सुनवाई करेंगे।


Body:आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 2007 में वरिष्ठ नागरिक मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था जिसमें कहा था कि सभी राज्य सरकार आदेश के 6 महीने में अपने राज्य में इस एक्ट के नियम को बनाकर लागू करें, इस एक्ट में एसडीएम स्तर के अधिकारी को मेंटेनेंस अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा था, साथ ही इस एक्ट का प्रचार प्रसार करने को भी कहा गया था मगर राज्य सरकार ने इस के लिए आज तक नियमावली तैयार नहीं की।


Conclusion:जिसके बाद हरिद्वार निवासी कैलाश शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आदेश के आधार पर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही, याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार द्वारा मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के एक्ट को लागू कर दिया गया।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि राज्य सरकार 3 महीने के भीतर सीनियर सिटीजन के अधिकारों के लिए उचित प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करें ताकि एक्ट को सही प्रकार से सीनियर सिटीजन तक पहुंचाया जा सके।
Last Updated : Sep 27, 2019, 11:34 PM IST
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