हल्द्वानी: बैंकों के निजीकरण के विरोध (Opposition to privatization of banks) में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) के आह्वान पर राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बैंकों में जमा, निकासी सहित चेक क्लीयरेंस, लोन अप्रूवल आदि सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हैं. वहीं, आज हल्द्वानी में बैंक कर्मचारियों ने जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
हड़ताल पर गए बैंक कर्मियों का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का बैंक कर्मचारी सख्त विरोध करते हैं. पिछले लंबे समय से निजीकरण के विरोध की चेतावनी देने के बाद भी सरकार का रुख सकारात्मक नहीं हुआ है. इस कारण बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल कर रहे हैं.
कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि बैंक का निजीकरण कर सरकार कॉरपोरेट पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. सरकारी बैंक आम नागरिकों को सस्ती बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इन बैंकों का निजीकरण होना लोगों के लिए परेशानी भरा रहेगा.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को खत्म करने की योजना बना रही है, जिसका सभी सरकारी बैंक कर्मचारी संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं. अगर सरकार ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की मंशा पर रोक नहीं लगाई, तो आगे बैंक कर्मचारियों द्वारा और उग्र आंदोलन किया जाएगा.
कुमाऊं में 400 करोड़ का लेनदेन प्रभावित: हल्द्वानी को कुमाऊं की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. ऐसे में बैंकों की हड़ताल से जहां स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है, तो वहीं दो दिन में करीब 400 करोड़ से अधिक का लेन-देन प्रभावित हुआ है.
9 लाख बैंक कर्मचारियों की देश व्यापी हड़ताल: दरअसल, केंद्र सरकार तमाम सरकारी बैंकों का निजीकरण (Bank Privatisation) करने की योजना बना रही है. वहीं, सरकारी बैंकों के 9 लाख से ज्यादा कर्मचारी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ पूरे देश में 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल (All India Strike) की है.