हल्द्वानी: नैनीताल जिले के पिनरो और मलवाताल में अब तक दो महिलाओं को अपना निवाला बनाने वाले वन्य जीव गुलदार/ बाघ के मामले में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. हमलावर वन्य जीव को पकड़ने के लिये पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गये हैं. इसके अलावा वन विभाग ड्रोन कैमरे की भी मदद ले रहा है. वन विभाग की 6-7 टीमें वन्य जीव के सर्च ऑपरेशन में जंगल की खाक छान रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी तरफ की सफलता हाथ नहीं लगी हैं.
आदमखोर बाघ-गुलदार का डर: उधर ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह का कहना है कि गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. गांव की आजीविका दूध डेयरी से चलती थी. गुलदार या बाघ की दहशत के चलते वह भी ठप हो गई है. गांव वालों का बाहर निकलना बड़ा मुश्किल हो गया है. अभी भी वन विभाग की टीम को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. इतने कैमरे लगाने के बावजूद भी कोई एक फुटेज तक नहीं इकट्ठा कर पाई है. इससे लगता है कि गांव वालों को लंबे समय तक घरों में कैद होकर रहना पड़ेगा.
आदमखोर प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ तैनात: डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने कहा है कि यदि सर्च ऑपरेशन में मैन पावर बढ़ाने की आवश्यकता होगी तो उसे बढ़ाया जायेगा. हिंसक वन्य जीव की दहशत के चलते महिलाएं जानवरों का चारा लेने घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. लिहाजा पशुपालन विभाग को फिलहाल चारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा खतरे को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय संबंधित इलाके के खंड शिक्षा अधिकारी लेंगे. डीएम नैनीताल वंदना सिंह के मुताबिक वन विभाग ने SDRF की डिमांड की थी. पुलिस और एसडीआरएफ के बीच से 25 लोग फिलहाल वन विभाग के साथ रहेंगे. कोशिश की जा रही है कि हिंसक जानवर को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाए, जिससे ग्रामीणों की दहशत कम हो सके.
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