कालाढूंगी: पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात ने मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों की भी परेशानी बढ़ा दी है. लगातार हो रही बारिश से बौर नदी उफान में है. वहीं, मैदानी इलाकों में रहने वाले स्वराज खत्ता के गुर्जरों को मवेशी बौर नदी में बहते हुए दिखाई दिए. जिसके बाद उफनती नदी में कूदकर वन गुर्जरों ने अपने बहते मवेशियों की जान बचाई.
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के गदगदिया आरक्षित वन क्षेत्र में रहने वाले स्वराज खत्ता के गुर्जरों के सामने मॉनसून सीजन में खतरा बता रहता है. पहाड़ों में हो रही बारिश ने बौर नदी का जलस्तर बड़ा दिया है. जिसके चलते नदी के आसपास घास चर रहे मवेशी बौर नदी के तेज बहाव में बहने लगे. मवेशियों को बहता देख शेरू नाम का गुर्जर अपनी जान की परवाह किए बिना ही बौर नदी में कूद गया. जिसको देखकर अन्य वन गुर्जर भी नदी में कूद गए. जिसके बाद बह रहे मवेशियों की जान बचाई गई.
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स्वराज खत्ता निवासी गुर्जरों ने बताया कि बरसात के मौसम में वन गुर्जरों की हालत काफी खराब हो जाती है. उन्हें जान माल का नुकसान होने का खतरा लगातार बना रहता है. उन्होंने बताया कि मवेशियों से ही उनका जीवन गुजर पसर होता है. जिनका दूध बेचकर वन गुर्जर अपना जीवन यापन करते हैं.