हल्द्वानी: नैनीताल की हल्द्वानी नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 5 दिनों से आंदोलन पर हैं. ऐसे में सफाई कर्मियों ने बड़ा आंदोलन करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन कर डीएम कैंप कार्यालय पहुंच जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. सफाई कर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक साल पहले सफाई कर्मचारियों को हर महीने ₹15 हजार यानी रोजाना ₹500 मानदेय देने की घोषणा की थी. लेकिन घोषणा के एक साल बाद भी उनको उचित मानदेय नहीं दिया जा रहा है. ऊपर से सफाई कर्मचारियों का विभाग द्वारा उत्पीड़न करने का काम किया जा रहा है.
सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से अधिकारियों से लेकर सरकार तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी मांगों को नहीं सुना जा रहा है. ऐसे में अब संयुक्त मोर्चा के तहत सभी सफाई कर्मचारी बड़ा आंदोलन छेड़ चुके हैं. सफाई कर्मियों ने कहा कि अगर जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा. जल्द सफाई कर्मचारी अपना कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.
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निगम के ठेकेदारों का प्रदर्शनः ऋषिकेश में टेंडर लेकर नगर निगम के लिए काम करने वाले ठेकेदारों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा है. भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदार नगर निगम के खिलाफ हरिद्वार रोड पर धरना प्रदर्शन करने में जुट गए हैं. ठेकेदारों का कहना है कि करीब चार करोड़ रुपए नगर निगम पर बकाया है. ठेकेदारों ने जल्द भुगतान नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन (Contractors Welfare Association) के बैनर तले नगर निगम से टेंडर लेकर कार्य करने वाले सभी ठेकेदारों ने नगर निगम के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बुधवार को बजा दिया. नगर निगम के ठीक सामने हरिद्वार रोड पर तंबू लगाकर ठेकेदारों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
धरना देते हुए ऋषिकेश राजकीय ठेकेदार महासंघ के अध्यक्ष दिनेश पयाल ने कहा कि यह धरना केवल नगर निगम से बकाया भुगतान लेने का नहीं है. बल्कि इसके अलावा भी कई मांग अब उन्होंने नगर निगम के सामने रखी है. उन मांगों के तहत ही ठेकेदार अब नगर निगम से टेंडर लेकर निर्माण कार्य करेंगे. ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरीश गर्ग ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी बजट नहीं होने की बात कहकर भुगतान नहीं कर रहे हैं. ऐसे में ठेकेदारों के सामने कई प्रकार की परेशानियां खड़ी हो गई हैं.
ठेकेदारों का साफ कहना है कि अगर जल्द ही निर्माण से संबंधित उनका बकाए का भुगतान नगर निगम नहीं करता तो ठेकेदार उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी.