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सैलानियों और स्थानीय लोगों के लिए खुशखबरी, काठगोदाम से नैनीताल तक बनेगा रोपवे - डीएम ने उच्च अधिकारियों के साथ की बैठक

नैनीताल आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि जल्द ही काठगोदाम से नैनीताल तक रोपवे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. जिससे उन्हें जाम से जल्द निजात मिलेगी. ये जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों ने डीएम के साथ हुई बैठक में दी.

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Published : Jul 11, 2023, 5:34 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 1:44 PM IST

काठगोदाम से नैनीताल तक बनेगा रोपवे

नैनीताल: शहर में लगने वाले जाम से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को निजात दिलाने के लिए जल्द ही रोपवे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. रोपवे निर्माण को लेकर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने DM कार्यालय सभागार में एनएचएआई, कुमाऊं मंडल, जिला प्रशासन समेत संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण में आ रहीं अड़चनों को दूर किए जाने पर चर्चा की.

बैठक के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले रोपवे की प्राथमिक सर्वे रिपोर्ट यानी प्री विजिबिलिटी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने पेश की और बताया कि 11 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण के लिए भौतिक सर्वे पूर्ण कर लिया गया है. जिसमें रानीबाग स्थित एचएमटी भवन में रोपवे का मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा. जिसके बाद आम पड़ाव और ज्योलिकोट में सब स्टेशन का निर्माण किया जाएगा, जबकि नैनीताल के हनुमानगढ़ क्षेत्र में दूसरा मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा, जहां से पर्यटक नैनीताल के अंदर प्रवेश कर सकेंगे.इसके अलावा रोपवे निर्माण के लिए डीपीआर निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. जुलाई तक डीपीआर निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा. जिसके बाद दिसंबर से रोपवे निर्माण की कवायद प्रारंभ की जाएगी और 2027 तक निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: नैनीताल DM ने अपने साप्ताहिक प्रोग्राम में किया परिवर्तन, इस दिन सुनेंगी जनता की समस्या

बैठक के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि रोपवे निर्माण के दौरान काठगोदाम से लेकर नैनीताल तक करीब तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर विद्युत लाइनों और पोलो को विस्थापित किए जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि करीब 60 नाली भूमि रानीबाग ज्योलिकोट स्थानों पर वन विभाग से हस्तांतरित होनी है. केंद्र और राज्य सरकार ने काठगोदाम से लेकर नैनीताल तक रोपवे निर्माण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हो, लेकिन रानीबाग और ज्योलीकोट क्षेत्र में रोपवे स्टेशन बनाए जाने को लेकर वन भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है. जो रोपवे निर्माण के मामले में बड़ी बाधा साबित हो रही है. बैठक के दौरान रोपवे के निर्माण को लेकर कई मामलों पर विभागीय अधिकारी जिलाधिकारी को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. जिस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट बनाने के दौरान अधिकारियों और सर्वे रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसी ने केवल कागज काले किए हैं.
ये भी पढ़ें: अधिकारियों के साथ सड़कों पर उतरी नवनियुक्त डीएम, फ्लाईओवर और सड़क चौड़ीकरण को लेकर दिए निर्देश

काठगोदाम से नैनीताल तक बनेगा रोपवे

नैनीताल: शहर में लगने वाले जाम से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को निजात दिलाने के लिए जल्द ही रोपवे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. रोपवे निर्माण को लेकर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने DM कार्यालय सभागार में एनएचएआई, कुमाऊं मंडल, जिला प्रशासन समेत संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण में आ रहीं अड़चनों को दूर किए जाने पर चर्चा की.

बैठक के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले रोपवे की प्राथमिक सर्वे रिपोर्ट यानी प्री विजिबिलिटी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने पेश की और बताया कि 11 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण के लिए भौतिक सर्वे पूर्ण कर लिया गया है. जिसमें रानीबाग स्थित एचएमटी भवन में रोपवे का मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा. जिसके बाद आम पड़ाव और ज्योलिकोट में सब स्टेशन का निर्माण किया जाएगा, जबकि नैनीताल के हनुमानगढ़ क्षेत्र में दूसरा मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा, जहां से पर्यटक नैनीताल के अंदर प्रवेश कर सकेंगे.इसके अलावा रोपवे निर्माण के लिए डीपीआर निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. जुलाई तक डीपीआर निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा. जिसके बाद दिसंबर से रोपवे निर्माण की कवायद प्रारंभ की जाएगी और 2027 तक निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.
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बैठक के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि रोपवे निर्माण के दौरान काठगोदाम से लेकर नैनीताल तक करीब तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर विद्युत लाइनों और पोलो को विस्थापित किए जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि करीब 60 नाली भूमि रानीबाग ज्योलिकोट स्थानों पर वन विभाग से हस्तांतरित होनी है. केंद्र और राज्य सरकार ने काठगोदाम से लेकर नैनीताल तक रोपवे निर्माण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हो, लेकिन रानीबाग और ज्योलीकोट क्षेत्र में रोपवे स्टेशन बनाए जाने को लेकर वन भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है. जो रोपवे निर्माण के मामले में बड़ी बाधा साबित हो रही है. बैठक के दौरान रोपवे के निर्माण को लेकर कई मामलों पर विभागीय अधिकारी जिलाधिकारी को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. जिस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट बनाने के दौरान अधिकारियों और सर्वे रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसी ने केवल कागज काले किए हैं.
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Last Updated : Jul 17, 2023, 1:44 PM IST
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