नैनीतालः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक दिवसीय नैनीताल दौरा यहां के बाशिंदों के लिए सौगात लेकर आया. सीएम ने नैनी झील में यूएनडीपी द्वारा स्थापित एक करोड़ की झील मॉनिटरिंग मशीन का लोकार्पण किया. साथ ही लोगों से स्थानीय बोली-भाषा व खानपान को बढ़ावा देने की अपील की. सीएम ने कहा कि सरकार भी स्थानीय बोली, भाषा और खानपान को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनी झील में यूएनडीपी द्वारा स्थापित 1 करोड़ रुपए की लागत की झील मॉनिटरिंग मशीन का लोकार्पण किया.
इस मशीन के स्थापित होने के बाद नैनी झील के भीतर की भूगर्भीय स्थितियों पर अब सटीक जानकारी मिल सकेगी. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नैनीताल, मसूरी, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री तक आने वाले पर्यटकों को रोप-वे की सौगात देने जा रही है. जिसके निर्माण के लिए सरकार द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. सीएम ने कहा कि जल्द ही इन सभी जगहों पर रोप-वे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. जिससे नैनीताल समेत इन सभी स्थानों पर आने वाले पर्यटकों को राहत मिलेगी. सीएम ने कहा कि जिन स्थानों पर रूप विनिर्माण में अड़चने हैं, वहां जल्द ही उन समस्याओं का निदान कर दिया जाएगा.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीतालवासियों को स्वास्थ्य सेवा में बड़ी सौगात देने का वादा करते हुए कहा कि जल्द ही नैनीताल के ब्रिटिश कालीन रैमजे अस्पताल को पीपीपी मोड में देने का सरकार प्रयास कर रही है. जिससे नैनीताल के स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थानीय लोगों से अपील की कि स्थानीय लोग चीड़ के पेड़ से निकलने वाली पिरूल से बिजली और ईधन बनाने की तरफ बढ़ें, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, क्योंकि उत्तराखंड के जंगलों में पिरूल की बेतहाशा उपलब्धता है. इससे उत्तराखंड के करीब 40 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकता है. इसलिए युवाओं को पिरूल से ईंधन और बिजली बनाने की तरफ प्रयास करने चाहिए, ताकि युवाओं को घर बैठे रोजगार मिल सके.