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उत्तराखंड आपदा: कुमाऊं क्षेत्र में फंसे 16 हजार लोगों को किया रेस्क्यू - बाढ़ और बारिश में फंसे लोगों का किया रेस्क्यू

बीते दिनों उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश ने जमकर तबाही मचाई. भारी बारिश से राज्य में भयानक मंजर देखने को मिला. बीते दिनों कुमाऊं क्षेत्र में आई आपदा में फंसे 16 हजार से अधिक लोगों को आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया है.

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Published : Oct 23, 2021, 12:35 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में बीते दिनों हुई भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. अब तक कुमाऊं में आपदा से करीब 2 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. पिंडारी ग्लेशियर से 6 विदेशी पर्यटक को समेत 40 लोगों को रेस्क्यू भी किया गया है.

बीते दिनों कुमाऊं क्षेत्र में आई आपदा में फंसे 16 हजार से अधिक लोगों को आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया है. नैनीताल के डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि 18 अक्टूबर को रामगढ़, खैरना, बेतालघाट, ओखलकांडा क्षेत्र में भीषण तबाही का मंजर देखने को मिला. जिसके बाद प्रशासन के द्वारा आपदा की चपेट में आए प्रभावितों को बचाने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया. जिनके द्वारा विभिन्न स्थानों से 7,523 प्रभावितों सड़क मार्ग से जबकि 14 लोगों को एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया.

कुमाऊं क्षेत्र में फंसे 16 हजार लोगों को किया रेस्क्यू.

पहाड़ों की तरफ जाने वाले करीब 13 हजार से अधिक लोगों को हल्द्वानी, रामनगर समेत मैदानी क्षेत्र में रोका गया. ताकि यात्रा के दौरान कोई भी यात्री परेशानियों में न फंसे. जिला आपका प्रबंधन सेल से मिली जानकारी के तहत अब तक जिले में आई आपदा में 34 लोगों की मौत हो गई है और एक व्यक्ति लापता है. जिसे ढूंढने का काम चल रहा है.

पढ़ें: नैनीताल: ओखलकांडा में भूस्खलन की चपेट में आए 6 लोगों के शव बरामद

डीएम ने बताया कि रेस्क्यू टीम के द्वारा नैनीताल जिले में करीब 200 पर्यटकों को रामनगर, बेतालघाट, मोहान, मुक्तेश्वर क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया. जो नैनीताल समेत चारधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड आए हुए थे. इसके अलावा डीजल-पेट्रोल खत्म होने से भी कई पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिनको प्रशासन की टीम के द्वारा डीजल उपलब्ध करवाकर अगले गंतव्य के लिए भेजा गया. अभी भी कई स्थानों पर पर्यटक समेत स्थानीय लोग सड़क क्षतिग्रस्त होने से फंसे हुए है. जिनको राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड में बीते दिनों हुई भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. अब तक कुमाऊं में आपदा से करीब 2 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. पिंडारी ग्लेशियर से 6 विदेशी पर्यटक को समेत 40 लोगों को रेस्क्यू भी किया गया है.

बीते दिनों कुमाऊं क्षेत्र में आई आपदा में फंसे 16 हजार से अधिक लोगों को आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया है. नैनीताल के डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि 18 अक्टूबर को रामगढ़, खैरना, बेतालघाट, ओखलकांडा क्षेत्र में भीषण तबाही का मंजर देखने को मिला. जिसके बाद प्रशासन के द्वारा आपदा की चपेट में आए प्रभावितों को बचाने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया. जिनके द्वारा विभिन्न स्थानों से 7,523 प्रभावितों सड़क मार्ग से जबकि 14 लोगों को एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया.

कुमाऊं क्षेत्र में फंसे 16 हजार लोगों को किया रेस्क्यू.

पहाड़ों की तरफ जाने वाले करीब 13 हजार से अधिक लोगों को हल्द्वानी, रामनगर समेत मैदानी क्षेत्र में रोका गया. ताकि यात्रा के दौरान कोई भी यात्री परेशानियों में न फंसे. जिला आपका प्रबंधन सेल से मिली जानकारी के तहत अब तक जिले में आई आपदा में 34 लोगों की मौत हो गई है और एक व्यक्ति लापता है. जिसे ढूंढने का काम चल रहा है.

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डीएम ने बताया कि रेस्क्यू टीम के द्वारा नैनीताल जिले में करीब 200 पर्यटकों को रामनगर, बेतालघाट, मोहान, मुक्तेश्वर क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया. जो नैनीताल समेत चारधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड आए हुए थे. इसके अलावा डीजल-पेट्रोल खत्म होने से भी कई पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिनको प्रशासन की टीम के द्वारा डीजल उपलब्ध करवाकर अगले गंतव्य के लिए भेजा गया. अभी भी कई स्थानों पर पर्यटक समेत स्थानीय लोग सड़क क्षतिग्रस्त होने से फंसे हुए है. जिनको राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

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