नैनीताल: उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है. लगातार हो रही बारिश से नैनीताल जिले में भारी नुकसान हुआ है. आपदा के कारण जिले में 30 लोगों की जान चली गई है. शवों को रिकवर किया जा रहा है. वहीं, ओखलकांडा में 7 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि जिले के दूरस्थ गांवों में अभी भी शव मिलने की आशंका जताई जा रही है. जिले में आपदा के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जनपद में अबतक 30 लोगों की मौत की खबर है. वहीं, ओखलकांडा में 7 लोगों के दबे होने की आशंका है. प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम को रवाना किया गया है.
जिले में अलग-अलग जगह पर आपदा बचाव एवं राहत टीम को लगाया गया है. कई जगहों पर बिजली और पेयजल आपूर्ति भी ठप है. एसडीएम ने 20 लोगों की टीम को गठित कर रामगढ़ क्षेत्र में लगाया है. वहीं, अलग-अलग क्षेत्रों में 100 सैनिकों को डोगरा रेजीमेंट से बुलाकर दूरस्थ गांव और आपदा पीड़ित क्षेत्रों में लगाया गया है.
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नैनीताल जिले में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसमें करीब 34 से 35 करोड़ का नुकसान हुआ है. मृतकों में तीन लोग बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले हैं, जिनका पोस्टमॉर्टम कर शवों को दिल्ली भेजा जा रहा है. ओखलकांडा में 7 लोगों के दबे होने की आशंका है. इसको देखते हुए एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है.
जिला अधिकारी ने बताया कि आपदा पीड़ितों तक हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है. राहत बचाव कार्य तेजी पर है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को रेस्क्यू अभियान में लगाया गया है. जिले में करीब 8 से 10 पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है. डोगरा रेजीमेंट के करीब 100 जवान आपदाग्रस्त इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. अब हालात सामान्य हो रहे हैं.