हल्द्वानी: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना संचालित की गई है. योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को नि:शुल्क राशन का वितरण किया जाता है. उधर राशन वितरित करने वाले सरकारी सस्ता गल्ला के विक्रेताओं को पिछले 5 महीनों से उनका कमीशन नहीं मिला है. ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं, विक्रेताओं ने प्रदेश सरकार से अपना भुगतान जल्द दिए जाने की गुहार लगाई है.
दरअसल नैनीताल में 610 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें हैं. कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई गई थी. इसके तहत लॉकडाउन काल से राशन डीलर उपभोक्ताओं तक नि:शुल्क चावल, गेहूं और दाल पहुंचा रहे हैं. लेकिन पिछले 5 महीने से उन्हें उनका कमीशन नहीं मिल पाया है. ऐसे में राशन डीलरों को परिवार पालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डीलरों को रोजमर्रा का खर्च भी निकल पाना अब मुश्किल हो रहा है.
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राशन विक्रेताओं ने बताया कि जिले के सभी राशन डीलरों की करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है. हालांकि केंद्र सरकार से नैनीताल जिले के जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी को राशन डीलरों को बांटने के लिए पहली किश्त के रूप में 53 लाख रुपए मिले हैं. लेकिन राशन डीलरों के खाते ऑनलाइन ना होने की वजह से उनका पैसा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है.
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वहीं, खाद्य पूर्ति अधिकारी रवि सनवाल का कहना है कि शासन से 53 लाख रुपए का बजट मिला है. राशन डीलरों का खाता ऑनलाइन करने का काम चल रहा है. जल्द उनके खाते में थोड़ा-थोड़ा करके उनका भुगतान उन्हें पहुंचा दिया जाएगा. अन्य बकाया राशि के लिए सरकार से डिमांड की गई है. बताया जा रहा है कि राशन डीलर कर्ज लेकर लोगों तक राशन पहुंचा रहे हैं. सरकार ने राशन डीलर का प्रति कुंटल 170 रुपए कमीशन रेट निर्धारित किया है, जिसमें किराया भाड़ा के साथ ही वितरण का मूल्य भी शामिल है.