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कॉर्बेट नेशनल पार्क में रैप्टर प्रजाति के संरक्षण पर जोर, गिद्धों और चीलों की हो रही गणना

विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्यजीवों और जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यहां कई विलुप्त प्रजातियों के पक्षियों और जीवों का बसेरा भी देखने को मिलता है. इन पक्षियों के झुरमुट में रैप्टर यानी शिकारी पक्षियों भी शामिल हैं. जिनकी गणना कॉर्बेट पार्क प्रशासन, विश्व वन्यजीव कोष के सहयोग से कर रहा है. ताकि, गिद्धों और चीलों की संख्या का पता लगाया जा सके.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
कॉर्बेट नेशनल पार्क में गिद्धों और चीलों की गणना
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Published : Aug 9, 2023, 7:18 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 8:07 PM IST

कॉर्बेट नेशनल पार्क में रैप्टर प्रजाति के संरक्षण पर जोर

रामनगरः दुनियाभर में रैप्टर की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी इन रैप्टर प्रजाति के गिद्धों और चीलों की संख्या पता लगाने की कोशिश की जा रही है. करीब 16 साल बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में गिद्धों और चीलों की गणना की जा रही है. जिसके तहत इन रैप्टर प्रजातियों के संरक्षण के लिए उनके घोंसलों की रेकी की जा रही है. साथ ही उनकी वास्तविक स्थिति क्या है और संख्या कितनी है? इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
पेड़ पर आराम फरमाता गिद्ध

बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में इन दिनों रैप्टर प्रजाति के शिकारी पक्षी चील, गिद्ध, बाज, फाल्कन आदि की गिनती का काम गतिमान है, जो पूरे एक साल तक चलेगा. इन पक्षियों के संरक्षण और गिनती का काम कॉर्बेट प्रशासन की ओर से एक प्रोजेक्ट के तहत विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के साथ मिलकर शुरू किया है.
ये भी पढ़ेंः तीन राज्यों में सर्वे से हुआ खुलासा: 10 हजार से घटकर 250 हुई गिद्धों की संख्या

करीब 16 साल बाद शिकारी पक्षियों की गणना का काम किया जा रहा है. इससे पहले साल 2005 में इनकी गणना की गई थी. उस वक्त हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 1200 से ज्यादा रैप्टर प्रजाति के पक्षी पाए गए थे. कॉर्बेट नेशनल पार्क में 9 से ज्यादा प्रजाति के शिकारी पक्षी पाए जाते हैं. जिसमें चमर गिद्ध, राज गिद्ध, काला गिद्ध, जटायु गिद्ध, यूरेशियाई गिद्ध, हिमालयन गिद्ध, रगड़ गिद्ध, देशी गिद्ध आदि शामिल हैं.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
कॉर्बेट नेशनल पार्क में चील

गौर हो कि बढ़ते शहरीकरण, रेडिएशन, डाइक्लोफिनेक दवा और सिमटते जंगल आदि कई कारणों से शिकारी पक्षियों यानी गिद्धों आदि की संख्या में काफी गिरावट आई है. शिकारी पक्षियों में गिद्धों का प्रकृति संतुलन में अहम रोल होता है. इनकी संख्या तेजी से गिरावट आई है. वहीं, वन्यजीव विशेषज्ञ सुमांता घोष ने बताया कि शिकारी पक्षियों के संरक्षण को लेकर कॉर्बेट प्रशासन का यह कदम सराहनीय है. इनको बचाया जाना अहम है.
ये भी पढ़ेंः हिमाचल में सफल हो रहा गिद्ध बचाओ अभियान, सैटेलाइट टैगिंग से हो रही स्टडी

वहीं, कॉर्बेट नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर दिगनाथ नायक का कहना है कि रैप्टर प्रजाति (शिकारी पक्षी) के संरक्षण को लेकर विश्व वन्यजीव कोष के सहयोग से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. जिसमें शिकारी पक्षियों के घोंसलों की रेकी की जाएगी. साथ ही जहां-जहां पर शिकारी पक्षी पाए जाते हैं, उनके संरक्षण के लिए आगे का रोडमैप तैयार किया जाएगा.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
कॉर्बेट नेशनल पार्क में गिद्ध

उन्होंने कहा कि यह सब कार्य शिकारी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर किया जा रहा है. क्योंकि, पूरे देश में शिकारी पक्षियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 2 प्रजातियों पर जियो टैग लगाकर भी इनकी रेकी का कार्य किया जाएगा.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में रैप्टर प्रजाति के संरक्षण पर जोर

रामनगरः दुनियाभर में रैप्टर की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी इन रैप्टर प्रजाति के गिद्धों और चीलों की संख्या पता लगाने की कोशिश की जा रही है. करीब 16 साल बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में गिद्धों और चीलों की गणना की जा रही है. जिसके तहत इन रैप्टर प्रजातियों के संरक्षण के लिए उनके घोंसलों की रेकी की जा रही है. साथ ही उनकी वास्तविक स्थिति क्या है और संख्या कितनी है? इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
पेड़ पर आराम फरमाता गिद्ध

बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में इन दिनों रैप्टर प्रजाति के शिकारी पक्षी चील, गिद्ध, बाज, फाल्कन आदि की गिनती का काम गतिमान है, जो पूरे एक साल तक चलेगा. इन पक्षियों के संरक्षण और गिनती का काम कॉर्बेट प्रशासन की ओर से एक प्रोजेक्ट के तहत विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के साथ मिलकर शुरू किया है.
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करीब 16 साल बाद शिकारी पक्षियों की गणना का काम किया जा रहा है. इससे पहले साल 2005 में इनकी गणना की गई थी. उस वक्त हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 1200 से ज्यादा रैप्टर प्रजाति के पक्षी पाए गए थे. कॉर्बेट नेशनल पार्क में 9 से ज्यादा प्रजाति के शिकारी पक्षी पाए जाते हैं. जिसमें चमर गिद्ध, राज गिद्ध, काला गिद्ध, जटायु गिद्ध, यूरेशियाई गिद्ध, हिमालयन गिद्ध, रगड़ गिद्ध, देशी गिद्ध आदि शामिल हैं.

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कॉर्बेट नेशनल पार्क में चील

गौर हो कि बढ़ते शहरीकरण, रेडिएशन, डाइक्लोफिनेक दवा और सिमटते जंगल आदि कई कारणों से शिकारी पक्षियों यानी गिद्धों आदि की संख्या में काफी गिरावट आई है. शिकारी पक्षियों में गिद्धों का प्रकृति संतुलन में अहम रोल होता है. इनकी संख्या तेजी से गिरावट आई है. वहीं, वन्यजीव विशेषज्ञ सुमांता घोष ने बताया कि शिकारी पक्षियों के संरक्षण को लेकर कॉर्बेट प्रशासन का यह कदम सराहनीय है. इनको बचाया जाना अहम है.
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वहीं, कॉर्बेट नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर दिगनाथ नायक का कहना है कि रैप्टर प्रजाति (शिकारी पक्षी) के संरक्षण को लेकर विश्व वन्यजीव कोष के सहयोग से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. जिसमें शिकारी पक्षियों के घोंसलों की रेकी की जाएगी. साथ ही जहां-जहां पर शिकारी पक्षी पाए जाते हैं, उनके संरक्षण के लिए आगे का रोडमैप तैयार किया जाएगा.

Vulture And Eagles Counting in Corbett
कॉर्बेट नेशनल पार्क में गिद्ध

उन्होंने कहा कि यह सब कार्य शिकारी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर किया जा रहा है. क्योंकि, पूरे देश में शिकारी पक्षियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 2 प्रजातियों पर जियो टैग लगाकर भी इनकी रेकी का कार्य किया जाएगा.

Last Updated : Aug 9, 2023, 8:07 PM IST
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