रामनगर: पीपीपी मोड पर गए संयुक्त अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी. जिसको लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता व मंत्री बंशीधर भगत और अस्पताल संचालक के बीच बहस हो गई थी. इस पर कांग्रेस प्रदेश उपाअध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार ने माना कि अस्पताल संचालक अपराधी है तो उसको सरकार ने दंड क्यों नहीं दिया.
बता दें कि, 2 दिन पूर्व प्रदेश के कोविड प्रभारी मंत्री व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत रामनगर संयुक्त अस्पताल से लगातार मिल रही अव्यवस्थाओं की सूचना पर रामनगर दौरे पर थे. जहां उन्होंने अस्पताल का जायजा लिया. लेकिन जायजे के दौरान अस्पताल संचालक और मंत्री के बीच अवव्यवस्थाओं को लेकर बहस हो गई थी, जो बहस आजकल सुर्खियां बनी हुई है.
मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने कहा कि यह सरकार का अपनी ब्यूरोक्रेसी पर अपने पार्टनरों पर कोई कंट्रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक पीपीपी मोड की बात है पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) को कहा गया है. वह एक एग्रीमेंट है और उस एग्रीमेंट में रणजीत रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जिसको पार्टनर बनाया है, जिसके साथ सरकार ने एग्रीमेंट किया है वह उस अस्पताल का मालिक हो गया. उन्होंने कहा कि आज जनप्रतिनिधियों का जो चुनाव हो रहा है वह हमारे सिस्टम में योग्यता को देखकर नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो आज वोट पड़ रहे हैं वो जाति, बिरादरी, धर्म और राम मंदिर के नाम पर हैं. उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना महामारी में लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. बेड नहीं मिल रहे हैं और वेंटिलेटर तो नाम मात्र के हैं. रेमडिसिविर जैसी दवा नहीं मिल रही है.
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उन्होंने कहा कि इस समय बाजार में लूटमार हो रही है और सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय के ठेकेदार ने सरकार की अवहेलना की है. उन्होंने कहा ये सरकार की लाचारी और बेबसी है. सरकार कह रही है कि तुम अपराधी हो तुम दोषी हो और सजा नहीं दे रही है.