रामनगरः नैनीताल जिले की रामनगर कोतवाली पुलिस ने फेसबुक के जरिए लिंक भेजकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक आरोपी को पकड़ा है. ठगी करने वाला आरोपी जम्मू कश्मीर का रहने वाला है. आरोपी के दो साथी अभी फरार हैं. तीनों ने मिलकर रामनगर के कई लोगों के साथ 17 लाख रुपये की ठगी की थी. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया है.
रामनगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक, सैय्यद रियाज हुसैन निवासी गूलरघट्टी ने तहरीर दी कि मो. राहिल, मो. जिशान और सुरेश अग्रवाल उर्फ अजय के नाम से ऑनलाइन धोखाधड़ी कर 17 लाख रुपये की ठगी की गई है. जिसके बाद पुलिस ने जांच की. जांच में एक बैंक खाता प्रकाश में आया, जो हरिद्वार जिले के रुड़की शहर के कर्नाटक बैंक में था. बैंक से मिली जानकारी में सामने आया कि खाता अब्दुल परवेज निवासी राजौरी, जम्मू कश्मीर का है. इसके बाद पुलिस ने खाते में दर्ज मोबाइल नंबर को ट्रेस किया, तो आरोपी अब्दुल परवेज की लोकेशन पिरान कलियन, रुड़की में मिली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अब्दुल परवेज को गिरफ्तार किया.
सीओ बलजीत सिंह भाकुनी ने बताया कि आरोपी अब्दुल परवेज जनवरी 2021 में जम्मू कश्मीर से नौकरी की तलाश में पिरान कलियर आया था. पिरान कलियर में उसकी मुलाकात तारीक अनवर और मो. मुजम्मिल चौधरी निवासी राजौरी जम्मू कश्मीर से हुई. जिसके बाद तीनों ने मिलकर ठगी की योजना बआई. फिलहाल अब्दुल के दोनों साथी तारीक अनवर और मो. मुजम्मिल चौधरी फरार है. दोनों की तलाश की जा रही है. जल्द की पुलिस की गिरफ्त में होंगे. अब्दुल के कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः ऑटो सवार महिला की झपटमार ने चेन उड़ाई, लोगों ने पकड़कर की जमकर धुनाई
ऐसे करते थे ठगीः सीओ ने बताया कि आरोपी तारीक और मुजम्मिल सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. तीनों ने मिलकर एक सॉफ्टवेयर बनाया. उन्होंने राहिल, जिशान, अजय, सुरेश अग्रवाल आदि नाम से रामनगर के मो. अंजुम को फेसबुक पर बीट डॉट ग्लोबल का लिंक भेजा. कुछ दिन बाद अंजुम ने लिंक को क्लिक किया और जिसके बाद तीनों आरोपियों ने अंजुम से संपर्क साधा और उसे झांसे में लिया. आरोपियों ने बताया कि 10 डॉलर निवेश करने के 10 दिन बाद प्रतिदिन 1 डॉलर वापस किया जाएगा.
इसके बाद अंजुम को आईडी बनाने के लिए कहा. आरोपियों ने अंजुम को चेन सिस्टम से और लोगों को जोड़ने और रुपए निवेश करने के लिए कहा. कुछ लोगों अंजुम के विश्वास पर रुपए निवेश भी किए. तीनों आरोपी लोगों को विश्वास दिलाने के लिए कुछ दिन तक लालच के रूप में 2 हजार, 2 हजार रुपये वापस देते रहे. जब तीनों के पास 12-15 लाख रुपये जमा हो गए तो उन्होंने नंबर बंद कर एप भी बंद कर दिया. पुलिस के मुताबिक अभी ठगी की रकम और बढ़ सकती है.