रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) के सर्फदुली रेंज में जून माह में एक बाघ ने वन विभाग के श्रमिक को हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पार्क प्रशासन ने उसका सैंपलिंग सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (Center for Cellular and Molecular Biology) को भेजा, ताकि पता चल सके की इसी बाघिन ने श्रमिक का मारा (tigress kills worker) है या नहीं.
बता दें कि जून माह में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के सर्दुफली रेंज में एक बाघ ने वन विभाग के श्रमिक पर हमला कर, उसे जंगल में घसीटकर ले गया था. इस हमले में श्रमिक खलील निवासी मानपुर ठाकुरद्वारा की मौत हो गई थी. वहीं, फिर से बाघ ने सर्फदुली रेंज से ड्यूटी कर वापस बाइक से धनगढ़ी की ओर आ रहे श्रमिक बॉबी चंद्र पर हमला बोल दिया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
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गनीमत रही कि बॉबी के पीछे कुछ जिप्सी सवार थे. जिनके हो हल्ला करने पर बाघ बॉबी को छोड़ जंगल की ओर भाग गया और उसकी जान बच गई. वहीं, लगातार हो रही घटना के बाद पार्क प्रशासन ने सर्फदुली क्षेत्र में लगातार कैमरा ट्रैप में दिख रही बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया (tigress was tranquilized). जिसके बाद बाघिन को रेस्क्यू सेंटर ढेला में लाया गया (tigress brought to rescue center Dhela). जहां, डॉक्टरों की टीम ने बाघिन का डीएनए सैंपलिंग (tigress DNA sampling) लिया, ताकि पता चल सके कि श्रमिकों पर हमला करने वाली यह वही बाघिन तो नहीं है.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे ने कहा हमारे द्वारा पूर्व में डब्ल्यूआईआई देहरादून (WII Dehradun) को बाघिन के सैंपल भेजे गए थे, लेकिन कुछ तकनीकी खराबी की वजह से हमें रिपोर्ट नहीं मिल पाई थी. अब पुनः हमने इसके डीएनए सैंपल सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी हैदराबाद भेजे हैं. हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द हमें अब बाघिन की डीएनए सैंपलिंग रिपोर्ट मिल जाएगी.