हल्द्वानी: उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के नाम से जाना जाता है. यहां पर देश-विदेश से काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में उत्तराखंड की व्यंजनों की पहचान दिलाने के लिए रेल कैटरिंग में पहाड़ी व्यंजनों को शामिल करने को लेकर रेल परामर्शदात्री समिति ने प्रस्ताव दिया गया है, उत्तराखंड आने-जाने वाली ट्रेनों के कैटरिंग में पहाड़ी व्यंजन यात्रियों को परोसा जाएगा.
रुद्रपुर के रहने वाले रेल परामर्शदात्री विकास शर्मा ने पूर्वोत्तर रेलवे की ऑनलाइन बैठक में भाग लेते हुए उन्होंने इज्जतनगर रेलवे मंडल प्रबंधक से मांग उठाई है कि उत्तराखंड को आने-जाने वाली ट्रेनों में उत्तराखंड की परंपरिक व्यंजनों को कैटरिंग में शामिल किया जाए. जिससे कि उत्तराखंड की अपनी परंपरिक व्यंजनों की पहचान हो सके. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के कुमाऊंनी और गढ़वाली व्यंजन स्वाद के साथ ही सेहत के लिए बेहतर है. पहाड़ की मंडुवे की रोटी, मंडुवे की बिस्कुट' केक, नमकीन के अलावा झिंगोर की खीर के साथ-साथ भांग की चटनी, बाल मिठाई, सिंगोरी, गहत की दाल यहां की प्रसिद्ध व्यंजनों में माना जाता है, जो सेहत के फायदेमंद के साथ-साथ औषधि से भरपूर हैं. ऐसे में इन पारंपरिक व्यंजनों को रेल कैटरिंग में शामिल की जाए.
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इज्जतनगर रेलवे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि परामर्शदात्री की मांग के प्रस्ताव को गोरखपुर मुख्यालय को भेजा गया है. वहां से सहमति मिलने के बाद में उत्तराखंड की पारंपरिक व्यंजनों को कैटरिंग में लागू किया जाएगा.