ETV Bharat / state

उत्तराखंड के इस उत्कृष्ट कॉलेज में गूंजा, 'शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद, प्रिंसिपल को बाहर निकालो'

रामनगर में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ने कॉलेज और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छात्राएं उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ाई कराए जाने की मांग कर रही है. छात्राओं का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड रास नहीं आ रहा है.

Government Girls Inter College Ramnagar
Government Girls Inter College Ramnagar
author img

By

Published : Aug 23, 2021, 5:12 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 6:40 PM IST

रामनगर: राजकीय कन्या इंटर कॉलेज रामनगर को शासन ने अटल उत्कृष्ट कॉलेज बनाया है, जिसमें सीबीएसई का पाठ्यक्रम लागू किया गया है. हालांकि, कॉलेज में कक्षा 6 से लगातार पढ़ रहीं सैकड़ों छात्राओं ने इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सैकड़ों छात्राओं ने स्कूल से बाहर निकालने और इसी कॉलेज की छात्राओं को कक्षा 9 में प्रवेश न देने पर इंटर कॉलेज के बाहर धरना दिया, साथ ही प्रधानाचार्य एवं प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए.

छात्राओं का कहना है कि वो इस कॉलेज में कक्षा 6 से पढ़ाई कर रही हैं. प्रधानाचार्य ने बोर्ड चेंज होने की पहले कोई सूचना नहीं दी थी. अब जब वह कॉलेज पढ़ने के लिए पहुंची हैं, तो प्रधानाचार्य ने उनको यह कहकर बाहर कर दिया है कि उन्हें अब अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी पड़ेगी, जबकि वह उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहती हैं.

उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ाई करने पर अड़ीं छात्राएं.

बता दें, तीन दिन पहले अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य ने कक्षा 9 की छात्राओं को कक्षा से बाहर निकाल दिया था. प्रधानाचार्य का कहना है कि यह बच्चे उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहते हैं लेकिन इनको प्रवेश देने की अथॉरिटी अब उनके पास नहीं हैं, क्योंकि यह प्रशासन स्तर का मामला है. उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में खंड विकास अधिकारी वंदना रौतेला से भी बात हुई, जिसमें तय हुआ है कि अगर यह बच्चे उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ने के इच्छुक हैं, तो इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा.

पढ़ें- नशा मुक्ति केंद्र से खिड़की तोड़कर फरार 12 युवकों को ढूंढ रही थी पुलिस, भागकर पहुंचे यहां

उन्होंने कहा कि अब 9वीं और 11वीं के एडमिशन सीबीएसई के माध्यम से ही होंगे लेकिन ये बच्चे सीबीएसई के माध्यम से नहीं, बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहते हैं. प्रधानाचार्य केडी माथुर ने बताया कि उन्होंने बच्चों को समझाया है कि अब अगर वो यहां प्रवेश लेंगे तो उनको सीबीएसई के माध्यम से ही पढ़ाई करनी होगी. सीबीएसई में गणित अनिवार्य सब्जेक्ट है, लेकिन ये बच्चे गणित नहीं पढ़ना चाहते हैं.

मामले में खंड विकास अधिकारी वंदना रौतेला का कहना था कि अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज को सरकार ने ले लिया है, जिसके तहत इस कॉलेज में अब सीबीएसई बोर्ड के तहत कक्षाएं संचालित होंगी. उन्होंने प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं को कॉलेज से बाहर निकालने पर कहा कि मामला गंभीर है. इसके लिए उन्होंने प्रधानाचार्य को चेतावनी देते हुए कहा था कि कॉलेज में आने वाली सभी छात्राओं को प्रवेश दिया जाए.

पढ़ें- पवन खेड़ा ने महंगाई-बेरोजगारी पर सरकार को घेरा, डबल इंजन को बताया 'ट्रबल' इंजन

वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी के कहने के बाद आज (23 अगस्त) को अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य ने 9वीं की छात्राओं को स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया, जिसके बाद सभी छात्राओं सहित उनके अभिभावकों भी आक्रोश में आ गए और उन्होंने छात्राओं के साथ इंटर कॉलेज के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

बता दें, क्षेत्र की 90-95 प्रतिशत छात्राएं हिंदी मीडियम से पढ़कर कक्षा 6, 9 और 11 में प्रवेश लेती हैं. ऐसी स्थिति में हिंदी मीडियम से पढ़कर आने वाली छात्राओं को अंग्रेजी की पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कक्षा 9वीं में छात्राओं को गणित विषय अंग्रेजी माध्यम से पढ़ना अनिवार्य हो गया है, जबकि अधिकतर छात्राएं गृह विज्ञान पढ़ना चाहती हैं.

रामनगर: राजकीय कन्या इंटर कॉलेज रामनगर को शासन ने अटल उत्कृष्ट कॉलेज बनाया है, जिसमें सीबीएसई का पाठ्यक्रम लागू किया गया है. हालांकि, कॉलेज में कक्षा 6 से लगातार पढ़ रहीं सैकड़ों छात्राओं ने इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सैकड़ों छात्राओं ने स्कूल से बाहर निकालने और इसी कॉलेज की छात्राओं को कक्षा 9 में प्रवेश न देने पर इंटर कॉलेज के बाहर धरना दिया, साथ ही प्रधानाचार्य एवं प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए.

छात्राओं का कहना है कि वो इस कॉलेज में कक्षा 6 से पढ़ाई कर रही हैं. प्रधानाचार्य ने बोर्ड चेंज होने की पहले कोई सूचना नहीं दी थी. अब जब वह कॉलेज पढ़ने के लिए पहुंची हैं, तो प्रधानाचार्य ने उनको यह कहकर बाहर कर दिया है कि उन्हें अब अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी पड़ेगी, जबकि वह उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहती हैं.

उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ाई करने पर अड़ीं छात्राएं.

बता दें, तीन दिन पहले अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य ने कक्षा 9 की छात्राओं को कक्षा से बाहर निकाल दिया था. प्रधानाचार्य का कहना है कि यह बच्चे उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहते हैं लेकिन इनको प्रवेश देने की अथॉरिटी अब उनके पास नहीं हैं, क्योंकि यह प्रशासन स्तर का मामला है. उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में खंड विकास अधिकारी वंदना रौतेला से भी बात हुई, जिसमें तय हुआ है कि अगर यह बच्चे उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ने के इच्छुक हैं, तो इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा.

पढ़ें- नशा मुक्ति केंद्र से खिड़की तोड़कर फरार 12 युवकों को ढूंढ रही थी पुलिस, भागकर पहुंचे यहां

उन्होंने कहा कि अब 9वीं और 11वीं के एडमिशन सीबीएसई के माध्यम से ही होंगे लेकिन ये बच्चे सीबीएसई के माध्यम से नहीं, बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पढ़ना चाहते हैं. प्रधानाचार्य केडी माथुर ने बताया कि उन्होंने बच्चों को समझाया है कि अब अगर वो यहां प्रवेश लेंगे तो उनको सीबीएसई के माध्यम से ही पढ़ाई करनी होगी. सीबीएसई में गणित अनिवार्य सब्जेक्ट है, लेकिन ये बच्चे गणित नहीं पढ़ना चाहते हैं.

मामले में खंड विकास अधिकारी वंदना रौतेला का कहना था कि अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज को सरकार ने ले लिया है, जिसके तहत इस कॉलेज में अब सीबीएसई बोर्ड के तहत कक्षाएं संचालित होंगी. उन्होंने प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं को कॉलेज से बाहर निकालने पर कहा कि मामला गंभीर है. इसके लिए उन्होंने प्रधानाचार्य को चेतावनी देते हुए कहा था कि कॉलेज में आने वाली सभी छात्राओं को प्रवेश दिया जाए.

पढ़ें- पवन खेड़ा ने महंगाई-बेरोजगारी पर सरकार को घेरा, डबल इंजन को बताया 'ट्रबल' इंजन

वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी के कहने के बाद आज (23 अगस्त) को अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य ने 9वीं की छात्राओं को स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया, जिसके बाद सभी छात्राओं सहित उनके अभिभावकों भी आक्रोश में आ गए और उन्होंने छात्राओं के साथ इंटर कॉलेज के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

बता दें, क्षेत्र की 90-95 प्रतिशत छात्राएं हिंदी मीडियम से पढ़कर कक्षा 6, 9 और 11 में प्रवेश लेती हैं. ऐसी स्थिति में हिंदी मीडियम से पढ़कर आने वाली छात्राओं को अंग्रेजी की पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कक्षा 9वीं में छात्राओं को गणित विषय अंग्रेजी माध्यम से पढ़ना अनिवार्य हो गया है, जबकि अधिकतर छात्राएं गृह विज्ञान पढ़ना चाहती हैं.

Last Updated : Aug 23, 2021, 6:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.