हल्द्वानी: गौलापार और रामनगर क्षेत्र के कुछ हिस्सों को रेरा और विकास प्राधिकरण में शामिल करने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले एक महीने से अधिक समय से किसान संगठन अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रेरा और प्राधिकरण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज भारी संख्या में किसान बुद्ध पार्क पहुंचे और एक जनसभा को संबोधित किया. इसी बीच किसानों और महिलाओं ने हल और कुदाल लेकर अपना विरोध जताया.
किसानों को खत्म करने का किसान नेता ने लगाया आरोप: तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलजिंदर ने कहा कि किसानों के ऊपर पहले भी एक काला कानून लागू किया गया था. उसी तरह रेरा और प्राधिकरण लागू कर उत्तराखंड के किसानों को खत्म करने का काम किया जा रहा है. सरकार रेरा एक्ट लागू कर कॉर्पोरेट को लाने का काम कर रही है. जिससे किसानों के जमीनों को लूटा जा सके. उन्होंने कहा कि गौलापार में टाउनशिप बनाने के नाम पर किसानों के जमीनों को अब कॉर्पोरेट द्वारा कौड़ियों के दाम में लेने का काम किया जाएगा.
बड़े स्तर पर आंदोलन की दी चेतावनी: बलजिंदर ने कहा कि उत्तराखंड में छोटे जोत के किसान हैं, लेकिन उनके जमीनों को करीब 5000 स्क्वायर फीट से अधिक बेचने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में किसानों के सामने अपने जमीन बेचने में समस्या आ रही है. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्र से रेरा और प्राधिकरण को हटाए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जल्द रेरा एक्ट को वापस नहीं लेती है तो बड़े स्तर का आंदोलन किया जाएगा.
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किसानों के प्रदर्शन का यातायात व्यवस्था पर पड़ा असर: कई क्षेत्रों से भारी संख्या में पहुंची महिलाएं दराती लेकर सड़कों पर उतरी. प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम के जरिए सरकार को ज्ञापन भेजा. इसके अलावा किसानों के प्रदर्शन का असर शहर की यातायात व्यवस्था पर पड़ा. आलम ये था कि सड़कों पर कई घंटों तक जाम लगा रहा. जिससे राहगीरों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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