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वनों की सुरक्षा मुख्य वन संरक्षक के लिए बड़ी चुनौती, फॉरेस्ट गार्ड के 65% पद अभी भी खाली

नव वर्ष के साथ वन विभाग को अपना नया मुखिया मिल गया है. रंजना कला के बाद प्रमुख वन संरक्षक की जिम्मेदारी राजीव भरतरी को मिली है.

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Published : Jan 1, 2021, 12:21 PM IST

हल्द्वानी: नव वर्ष के साथ वन विभाग को अपना नया मुखिया मिल गया है. रंजना कला के बाद प्रमुख वन संरक्षक की जिम्मेदारी राजीव भरतरी को मिली है. वनों की सुरक्षा प्रमुख वन संरक्षक के लिए चुनौती भरा है. क्योंकि वनों की सुरक्षा में लगे वनकर्मियों के 65% पद खाली पड़े हैं. यही नहीं अधिकतर गश्त कर रहे वन कर्मी डंडे के सहारे या बिना बंदूक वनों की सुरक्षा कर रहे हैं.

बता दें कि राज्य में फॉरेस्ट गार्ड के 65% पद खाली हैं. लेकिन अब तक न तो भर्ती हो पाई और न ही सुरक्षा की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. प्रदेश के 39 वन प्रभाग के रिजर्व पार्क और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में कुल 3,639 वन बीटें हैं. जिसमे 2636 फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती है. इसमें 1340 पर ही फॉरेस्ट गार्ड तैनात हैं. जबकि 1296 बीटों पर फॉरेस्ट गार्ड ही नहीं है और बाकी बीट खाली हैं.

यह भी पढ़ें-एक बार फिर आंदोलन की राह पर उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

सबसे ज्यादा फॉरेस्ट गार्ड देहरादून, हरिद्वार, राजाजी, हल्द्वानी, कार्बेट और रामनगर में हैं बाकी डिवीजनों में ना के बराबर फारेस्ट गार्ड की संख्या है. ऐसे में वन और वन्यजीवों की सुरक्षा वन कर्मियों के लिए चुनौती बन रहा. वन विभाग के मुखिया मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती वनों की सुरक्षा की है.

हल्द्वानी: नव वर्ष के साथ वन विभाग को अपना नया मुखिया मिल गया है. रंजना कला के बाद प्रमुख वन संरक्षक की जिम्मेदारी राजीव भरतरी को मिली है. वनों की सुरक्षा प्रमुख वन संरक्षक के लिए चुनौती भरा है. क्योंकि वनों की सुरक्षा में लगे वनकर्मियों के 65% पद खाली पड़े हैं. यही नहीं अधिकतर गश्त कर रहे वन कर्मी डंडे के सहारे या बिना बंदूक वनों की सुरक्षा कर रहे हैं.

बता दें कि राज्य में फॉरेस्ट गार्ड के 65% पद खाली हैं. लेकिन अब तक न तो भर्ती हो पाई और न ही सुरक्षा की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. प्रदेश के 39 वन प्रभाग के रिजर्व पार्क और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में कुल 3,639 वन बीटें हैं. जिसमे 2636 फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती है. इसमें 1340 पर ही फॉरेस्ट गार्ड तैनात हैं. जबकि 1296 बीटों पर फॉरेस्ट गार्ड ही नहीं है और बाकी बीट खाली हैं.

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सबसे ज्यादा फॉरेस्ट गार्ड देहरादून, हरिद्वार, राजाजी, हल्द्वानी, कार्बेट और रामनगर में हैं बाकी डिवीजनों में ना के बराबर फारेस्ट गार्ड की संख्या है. ऐसे में वन और वन्यजीवों की सुरक्षा वन कर्मियों के लिए चुनौती बन रहा. वन विभाग के मुखिया मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती वनों की सुरक्षा की है.

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