नैनीताल: प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के जांच अधिकारी मंजूनाथ टीसी के प्रमोशन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. जांच अधिकारी मंजूनाथ टीसी को प्रमोशन के बाद भी प्रमोशन का पद और सुविधा नहीं दी जा रही है.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मंजूनाथ टीसी को मामले में प्रार्थना पत्र देकर अपनी बात कोर्ट में रखने को कहा है. प्रार्थना पत्र मिलने के बाद ही कोर्ट मंजूनाथ के मामले में हस्तक्षेप कर सकेगा.
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नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि घोटाले की जांच की वजह से राज्य सरकार द्वारा उनको प्रमोशन के बावजूद भी एसपी का पद और सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. वहीं, राज्य सरकार ने उनसे जूनियर लोगों को प्रमोशन और अन्य सुविधाएं दे दी हैं.
अधिवक्ता एमसी पंत ने बताया कि मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मंजूनाथ टीसी को प्रार्थना पत्र दायर कर अपनी बात कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को की जानी है.
आपको बता दें कि मंजूनाथ टी सी छात्रवृत्ति घोटाले के मामले की जांच कर रहे थे. इस दौरान 2018 में मंजुनाथ टीसी का प्रमोशन हुआ और सरकार ने मंजूनाथ को एसपी के पद पर नियुक्त कर दिया था. लेकिन, कोर्ट के आदेश के बाद मंजुनाथ को छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करनी पड़ी. वहीं, मंजूनाथ ने कोर्ट से कहा कि वो कोर्ट के आदेश पर ही घोटाले में एसआईटी की जांच कर रहे हैं.