हल्द्वानी: बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध (Jamrani Dam) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. भूमि अर्जन के लिए भूमि अध्यापित अधिनियम की धारा (11 एक ) के अनुरूप एक प्रारंभिक अधिसूचना, शासन की ओर से नियुक्त विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी नैनीताल की ओर से निर्गत कर दी गई है. धारा 11 के तहत अब जमरानी क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की भूमि की खरीद फरोख्त नहीं कर सकेगा. करीब 2,585 करोड़ की लागत से बनने वाली जमरानी बांध परियोजना के अंतर्गत 122 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जानी है. जिसमें बांध से प्रभावित परिवारों की संख्या करीब 1107 है.
सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए दो श्रेणी में बांटा है. सरकार ने विस्थापितों के लिए खुरपिया फार्म उधम सिंह नगर में भूमि का चयन किया है. शासन द्वारा विस्थापितों के लिए दो श्रेणी बनाई गई हैं. श्रेणी एक में प्रभावित परिवार को एक एकड़ जमीन और श्रेणी दो में एक एकड़ जमीन का मूल्य दिये जाने का प्रावधान है. परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए शासन जमरानी ईई पद पर तैनात भारत भूषण पांडे और ललित कुमार को जमरानी बांध परियोजना इकाई में उपमहाप्रबंधक बनाया गया है.
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जमरानी क्षेत्र में धारा 11 लगने के बाद क्षेत्र में भूमि खरीद फरोख्त प्रतिबंधित हो गई है. परियोजना के प्रभाव में जो परिवार आ रहे हैं शासन से परिवारों के पुनर्वास के लिए एक प्रारूप पुर्नवास नीति शासन को कमिश्नर के माध्यम से भेजी गयी है. जमरानी क्षेत्र में धारा 11 लागू होने का वहां के लोगों ने स्वागत किया है. ग्रामीणों ने पुनर्वास के लिए जमीन एवं नीति का प्रस्ताव आचार संहिता से पहले पारित करने की मांग की सरकार से की है. ताकि जमरानी क्षेत्र के प्रभावित लोगों को राहत मिल सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को हल्द्वानी पहुंच रहे हैं. उम्मीद है कि इससे पहले शासन और सरकार द्वारा जमरानी बांध परियोजना को गति दी जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी संभवतः इस परियोजना का शिलान्यास भी कर सकते हैं.