हल्द्वानीः 20 मार्च को हर साल गौरैया दिवस मनाया जाता है. गौरैया दिवस के पूर्व संध्या पर हल्द्वानी के 'एक नई दिशा' नाम की संस्था ने पहल करते हुए इस विलुप्त हो रही पक्षी को बचाने के लिए लोगों को जन-जागरूकता के माध्यम से संरक्षित करने की अपील की. साथ ही लोगों को घोंसला वितरण कर गौरैया को बचाने के लिए आगे आने का आह्वान किया.
एक नई दिशा संस्था द्वारा गौरैया दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विलुप्त होती गौरैया को लेकर लोगों ने अपने-अपने विचार रखे. जिसमें कहा गया कि प्रकृति से हो रही छेड़छाड़ का नतीजा है कि आज गौरैया पक्षी विलुप्ति के कगार पर है. जहां आम आदमी के घर में चहचहाने वाली गौरैया पक्षी अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. ऐसे में हमारी आने वाली युवा पीढ़ी इसको लेकर आगे आएं, जिससे कि इस विलुप्त हो रही गौरैया पक्षी को बचाया जा सके.
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वहीं, इस दौरान गौरैया को लेकर लोगों ने अपने वक्तव्य रखे. लोगों की माने तो हमारी आधुनिक जीवन शैली गौरैया के रहने के लिए बाधा बन रही है. गौरैया और मनुष्य के साथ लगभग 10,000 वर्षों का पुराना नाता है, लेकिन कुछ दशकों से गौरैया शहरी क्षेत्र से धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर है. इसका मुख्य कारण हमारी आधुनिक जीवन शैली गौरैया को सामान्य रूप से रहने के लिए बाधा बन रही है.