रामगनरः क्या आपको पता है, नदी का पानी पीने लायक कैसे बनता है? कैसे नदियों का पानी फिल्टर होकर घरों तक पहुंचाया जाता है और किन प्रक्रियाओं से पानी को गुजारा जाता है. आज हम आपको पानी की शुद्धिकरण की प्रक्रियाओं से रूबरू कराते हैं.
रामनगर और आसपास के इलाकों में पीने के पानी का एकमात्र जरिया कोसी नदी है. ये नदी हजारों परिवारों की प्यास बुझाती है. ईटीवी भारत की टीम ने रामनगर के लखनपुर स्थित वाटर पंप स्टेशन पहुंचकर पानी के शुद्धिकरण के प्रक्रियाओं को जाना.
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इस तरह से होता है पानी का शुद्धिकरण
सबसे पहले कोसी नदी से डायरेक्ट पानी को इंटेक वेल टैंक में लेते हैं. इसके बाद उसे रिसेटिंग पंप में डालते हैं. यहां पर पानी रेगुलेटर के जरिए क्लियर फायर में आ जाता है. क्लियर फायर से शुद्ध पानी छनने के लिए तैयार होता है. यहां से फिल्टर प्लांट होते हुए रैपिड एक्शन में पहुंचता है. यहां रैपिड सैंड ग्रेविटी फिल्टर पानी को छान कर स्टोरेज करते हैं.
स्टोरेज करने के बाद पानी में हाइपो क्लोरीन डाला जाता है. इसे पानी के मात्रा अनुसार मिलाया जाता है. इसके बाद पानी पीने योग्य बन जाता है. इस प्रक्रिया के बाद इस पानी को नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में बने टैंकों के लिए सप्लाई किया जाता है. पानी के शुद्धिकरण में 6 प्रक्रियाओं का इस्तेमाल होता है. अंत में पानी घरों के नलों तक पहुंचता है.