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उत्तराखंड: कोरोना से बचने के लिए कैदियों को मिलेगी तीन महीने की पैरोल - उत्तराखंड हाई कोर्ट न्यूज

हाई पावर कमेटी की बैठक के दौरान जेल में बंद कैदियों को 90 दिन की पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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Published : May 10, 2021, 6:04 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए उन्हें अब तीन महीने का पैरोल पर छोड़ा जाएगा. कैदियों को जल्द ही तीन महीने की पैरोल दी जाएगी.

बता दें कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था. इसी को लेकर इस बार भी नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने गठित हाई पावर कमेटी को निर्देश दिए कि जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए. हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें- कैदियों की पैरोल के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल ऐप, परिजन सीधे कर सकेंगे आवेदन

उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरसी खुल्बे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर हाई पावर कमेटी गठित है, जिसके उत्तराखंड में अध्यक्ष हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी, प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव कारागार समेत महानिदेशक कारागार सदस्य हैं.

बीते दिनों हुई इस हाई पावर कमेटी की बैठक के दौरान जेल में बंद कैदियों को 90 दिन की पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. कमेटी ने प्रदेश के सभी जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षों, प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड की जेल में बंद कैदियों को पैरोल में छोड़ने के आदेश का पालन कोविड-19 के नियमों के तहत करें. साथ ही कमेटी के द्वारा उत्तराखंड के निर्देशक स्वास्थ्य समेत प्रदेश के सभी सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि पैरोल पर रिहा होने वाले सभी कैदियों की कोविड जांच भी करी जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए उन्हें अब तीन महीने का पैरोल पर छोड़ा जाएगा. कैदियों को जल्द ही तीन महीने की पैरोल दी जाएगी.

बता दें कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था. इसी को लेकर इस बार भी नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने गठित हाई पावर कमेटी को निर्देश दिए कि जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए. हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लिया गया है.

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उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरसी खुल्बे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर हाई पावर कमेटी गठित है, जिसके उत्तराखंड में अध्यक्ष हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी, प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव कारागार समेत महानिदेशक कारागार सदस्य हैं.

बीते दिनों हुई इस हाई पावर कमेटी की बैठक के दौरान जेल में बंद कैदियों को 90 दिन की पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. कमेटी ने प्रदेश के सभी जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षों, प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड की जेल में बंद कैदियों को पैरोल में छोड़ने के आदेश का पालन कोविड-19 के नियमों के तहत करें. साथ ही कमेटी के द्वारा उत्तराखंड के निर्देशक स्वास्थ्य समेत प्रदेश के सभी सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि पैरोल पर रिहा होने वाले सभी कैदियों की कोविड जांच भी करी जाए.

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