हल्द्वानी: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. आम आदमी को इससे आए दिन दो-चार होना पड़ता है. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ही सुशीला तिवारी अस्पताल में बेहतर इलाज नहीं मिल पाया. जिससे सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुमाऊं के सबसे बड़े हॉस्पिटल सुशीला तिवारी की व्यस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं. वहीं बेहतर इलाज न मिल पाने से मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निजी हॉस्पिटल का रुख करना पड़ा. इस घटना से एक बार फिर सुशीला तिवारी हॉस्पिटल पर सवाल उठने लगे हैं.
गौर हो कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आरजी नौटियाल गुरुवार रात सड़क हादसे में घायल हो गए थे. जिसके बाद उनको सुशीला तिवारी अस्पताल में ले जाया गया. यहां उनको उचित इलाज न मिलने के बाद निजी अस्पताल में भेजा गया. ऐसे में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने प्रभारी सीएमओ से जवाब मांगा है. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से अस्पताल के ऊपर सवाल उठने लगे हैं. यही नहीं पूर्व में भी अस्पताल की लापरवाही और लोगों को उचित इलाज नहीं मिलने के चलते अस्पताल सुर्खियों में आ चुका है. अब मजबूरन प्राचार्य को निजी अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ रहा है.
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बता दें कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरजी नौटियाल गुरुवार को चंडीगढ़ से अल्मोड़ा लौट रहे थे. तभी उनका वाहन हल्द्वानी के कठघरिया में पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया. हादसे में डॉक्टर नौटियाल और उनका ड्राइवर घायल हो गए. उनको राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में भर्ती किया गया. स्टाफ नहीं होने से उनका इलाज नहीं हो पाया. मजबूरन उन्हें निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा. ऐसे में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने प्रभारी सीएमओ से जवाब मांगा है.