नैनीताल: मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती. इस कहावत को साबित कर दिखाया है नैनीताल के पतलीया गांव की प्राइमरी पाठशाला की प्रधानाध्यापक ने.
ये है नैनीताल के पतलिया गांव का प्राइमरी स्कूल जो प्रदेश के अन्य सरकारी स्कूलों से बिल्कुल अलग है. इस स्कूल के बच्चे हिंदी बोलने से कतराते हैं और फर्राटे से अंग्रेजी बोलते हैं. इतना ही नहीं बच्चे प्रार्थना भी अंग्रेजी में ही करते हैं. ऐसा मुमकिन हुआ है स्कूल की प्रिंसिपल दीपा जोशी के प्रयासों से.
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दरअसल, साल 2011 में दीपा जोशी की पतलिया गांव के प्राइमरी स्कूल में तैनाती हुई थी. दीपा जोशी ने देखा कि स्कूल काफी बदहाल था. बच्चों को बैठने के लिए कक्षाएं, पीने का पानी तक नहीं था. स्कूल में सिर्फ 17 छात्र थे. जिसके बाद उन्होंने गांव वालों के साथ मिलकर स्कूल की दशा सुधारने का अथक प्रयास शुरू कर दिया, जो सफल भी रहा.
पतलिया के प्राइमरी की स्थिति सुधरने के बाद एक साल में ही छात्रों की संख्या 17 से बढ़कर 37 हो गई और धीरे-धीरे अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकाल कर गांव के इस हाईटेक प्राइमरी स्कूल में भेजने लगे. आज स्कूलों में बच्चों की संख्या 176 के पार हो गई है. साथ ही 2015 में इस स्कूल का चयन आदर्श स्कूल के लिए भी किया गया.
हाईटेक पाठशाला की खासियत
- पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए आधुनिक स्मार्ट क्लास की सुविधा
- कंप्यूटर लैब और आधुनिक लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाएं
- शिक्षिकाओं ने मिड-डे मील में किया बदलाव
- खाने से पहले और बाद में सैनिटाइजर से हाथ धुलाने की सुविधा
- साफ-सफाई का खास ध्यान
- खेलने के लिए सभी आधुनिक उपकरण
- बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए स्पेशल क्लास