रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर साल लाखों की तादाद में देश-विदेश से पर्यटक वन्यजीवों का दीदार करने आते हैं. लेकिन पिछले दिनों डे सफारी और नाइट स्टे के रेटों में वृद्धि के बाद पर्यटकों की आवाजाही में कमी देखी जा रही है. साथ ही पर्यटन से जुड़े कारोबारी भी नाखुश नजर आ रहे हैं.
बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर साल पर्यटक कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोनों में डे सफारी के साथ ही नाइट स्टे के लिए लाखों की तादाद में पहुंचते हैं. कभी वन्यजीवों के लिए बनाए गए यह आरामगाह आज वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए मुफीद साबित हो रहा है. लेकिन एक तरफ वन विभाग के सामने इनके रखरखाव का जिम्मा है तो दूसरी तरफ शुल्क वृद्धि के कारण स्थानीय और आम लोगों की यहां आवाजाही में फर्क दिख रहा है. गौर हो कि कॉर्बेट शासन ने कॉर्बेट पार्क के डे सफारी के दामों में वृद्धि कर दी गई है, उसके साथ नाइट स्टे के रेट बढ़ गए हैं.
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जिसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा और यहां सैलानियों की संख्या कम हो गयी है. पहले डे सफारी के लिए 4300 रुपए देने होते थे, वहीं अब डे सफारी के लिए पर्यटकों को 6680 रुपए देने होंगे. वहीं अगर नाइट स्टे की बात करें तो पहले सबसे चर्चित जोन ढिकाला में जो रूम 2500 का था, वहीं अब भारतीयों के लिए 4 हजार का और विदेशी पर्यटकों के लिए 8 हजार का हो गया है. रेट बढ़ने से पर्यटन कारोबारियों में निराशा साफ देखी जा रही है.पर्यटन से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि रेट बढ़ना सही है, पर एक साथ बढ़ाना उचित नहीं है. वहीं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटि ने कहा कि 14 साल बाद रेट बढ़ाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इससे शासन के राजस्व में वृद्धि होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अब हर वर्ष सर्टेन परसेंटेज पर बढ़ोत्तरी की जाएगी.