हल्द्वानी: आर्टिस्ट प्रतिभा फुलोरिया ने पेंटिंग की बारीकियों को समझकर उन्हें कैनवास पर उतारा है. उन्होंने कुमाऊं की संस्कृति ऐपण कला को अपनी पेंटिंग के जरिए बेहतरीन रूप दिया है. प्रतिभा ने अभी तक जितनी भी पेंटिंग बनाई, उनको बाजार में एक अच्छी पहचान मिली है. प्रतिभा ऐपण के अलावा नेम प्लेट, कोस्टर्स, मंडला आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, आयल पेंटिंग, फोक आर्ट, डेंगलर्स और फ्रिज मेग्नेट बहुत खूबसूरती से बनाती हैं. वे पिछले 3 सालों में 2500 से अधिक पेंटिंग बना चुकी हैं.
प्रतिभा ने लॉकडाउन में पेंटिंग को दिया नया रूप: बता दें कि प्रतिभा ने बायो टेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया है. प्रतिभा फुलोरिया ने कोरोना के दौरान लॉकडाउन में पेंटिंग को नया रूप देना शुरू किया था. उनके मन में जो चित्र उभरा, उसको उन्होंने कैनवास पर उतारना शुरू किया और रंगों को एक अलग पहचान देनी शुरू कर दी. प्रतिभा द्वारा बनाई गई पेंटिंग को देश-विदेश में पहचान मिल रही है. देश के कई राज्यों और विदेशों से भी अलग-अलग तरह की पेंटिंग्स के लिए डिमांड आ रही है.
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बड़ी पेंटिंग बनाने में लगते हैं 7 से 8 घंटे: प्रतिभा कुलोरिया ने बताया कि अलग-अलग पेंटिंग को बनाने में 2 से 3 घंटे का समय और बड़ी पेंटिंग को बनाने में 7 से 8 घंटे का समय लगता है. लिहाज़ा अब भविष्य का प्लान ये है कि अपने नये आइडिया को टीम के जरिये खूबसूरत रंगों में तब्दील किया जाए. उन्होंने कहा कि वो अपने साथ ऐसे लोगों को जोड़ना चाहती हैं, जो अपनी कला के दम पर कुछ अलग करना चाहते हैं.
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