हल्द्वानीः रविवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. इस बार 21 अगस्त शाम 7 बजे से शुरू होकर 22 अगस्त शाम 5:30 बजे तक श्रावण की पूर्णिमा रहेगा. श्रावण पूर्णिमा पर ग्रहों की चाल की बात करें तो इस समय सूर्य सिंह राशि और शनि मकर राशि. जबकि, देवगुरु बृहस्पति शनि की राशि कुंभ में संचरण कर रहे हैं. वहीं, वृष राशि में राहु और वृश्चिक राशि में केतु है. नक्षत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान समेत खाड़ी देशों में गृह युद्ध की आशंका है. जबकि, पश्चिमी देशों समेत भारत के लिए बेहतर होगा. कोरोना से भी मुक्ति मिलने की संभावना है.
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, ग्रहों की चाल अफगानिस्तान समेत खाड़ी देशों में गृहयुद्ध की जैसी स्थिति पैदा कर सकती है. वहां पर स्थिति में सुधार लगभग नवंबर माह के बाद होने की संभावना है. ग्रहों के अनुसार नवंबर माह में जब बृहस्पति वक्री होकर शनि के साथ आ जाएंगे तो वहां की स्थिति में परिवर्तन होने की संभावना है.
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कोरोना की दृष्टि, श्रावण पूर्णिमा और ग्रहों के हिसाब से अगर देखें तो चंद्रमा और बृहस्पति एक राशि में है. जो गुरुचंद योग बन रहा है. गुरुचंद योग का प्रभाव भारत में पड़ेगा. जो कोरोना वायरस में कमी लाएगा. 14 सितंबर के बाद देव गुरु बृहस्पति वक्री होकर फिर मकर राशि में आ जाएंगे. मकर राशि में शनि और बृहस्पति युक्ति होने से निश्चित रूप से कोरोना महामारी में कमी आएगी.
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नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, ग्रहों की दृष्टि से अगर देखें तो इसका प्रभाव भारत की सुरक्षा पर निश्चित पड़ेगा. भारत सशक्त होगा और प्रभावशाली बनेगा. भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और राजनीतिक स्थिरता भी बनी रहेगी. कुल मिलाकर भारत एक सशक्त रूप में खड़ा होगा.
ज्योतिषाचार्य जोशी बताते हैं कि सामाजिक दृष्टि से देखें तो सामाजिक समरसता का भाव बना रहेगा. क्योंकि ग्रहों की जो स्थिति है, यह कह रही है कि भारत में मित्रता का माहौल रहेगा. भारत पूरा एक होकर के विश्व में एक नया उदाहरण पेश करेगा.