हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand assembly elections 2022) में इस बार हल्द्वानी सीट पर मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होने जा रहा है. इस बार बीजेपी, कांग्रेस और उत्तराखंड में पहली बार सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी के बीच टक्कर देखने को मिल रही है. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी अपना प्रत्याशी हल्द्वानी सीट से उतारा है. बीजेपी से प्रत्याशी जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला मैदान में हैं. कांग्रेस से प्रत्याशी स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश भी जीत की हुंकार भर रहे हैं. वहीं, सपा से शोएब अहमद (SP candidate Shoaib Ahmed) और एआईएमआईएम के प्रत्याशी अब्दुल मतीन सिद्दीकी (AIMIM candidate Abdul Mateen Siddiqui) भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
बता दें, इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 1 लाख 75 हजार के आसपास है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अधिक है, जो निर्णायक भूमिका में हैं. बीजेपी ने इस बार कॉलेज राजनीति से सियासी सफर शुरू करने वाले हल्द्वानी के लगातार दो बार मेयर चुने जा चुके डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला (BJP candidate Jogendra Pal Singh Rautela) पर भरोसा जताया है. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला का कहना है कि उनकी किसी से कोई टक्कर नहीं है, बल्कि हल्द्वानी की जनता उनको जिताने जा रही है.
हल्द्वानी सीट पर कांग्रेस ने इस बार स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश (Congress candidate Sumit Hridayesh) को टिकट दिया है. राज्य गठन के बाद से यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन इस बार यह सीट कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. इस बार कांग्रेस को अपना घर बचाना होगा. हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी सुमित हृदयेश का कहना है कि उनको जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है, क्योंकि उनकी मां ने हल्द्वानी की जनता के लिए कई काम किए हैं.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार हाथ आजमा रही है. समाजवादी पार्टी प्रत्याशी शोएब अहमद ने कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं. शोएब अहमद का कहना है कि उत्तराखंड में साइकिल की रफ्तार तेज है. इस बार समाजवादी पार्टी को जनता का समर्थन मिल रहा है. राज्य गठन के बाद के बाद से बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों ने उत्तराखंड को केवल छलने का काम किया है. ऐसे में हल्द्वानी की जनता ने इस बार समाजवादी पार्टी पर भरोसा जताया है.
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इस विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मैदान में है. हल्द्वानी विधानसभा सीट से इस बार एआईएमआईएम ने अब्दुल मतीन सिद्दीकी को मैदान में उतारा है. अब्दुल मतीन सिद्दीकी का कहना है कि उनको जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है. उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार हल्द्वानी की जनता AIMIM का विधायक चुनेगी. अब्दुल मतीन का दावा है कि AIMIM का उत्तराखंड से पहला विधायक हल्द्वानी से ही होगा.
हल्द्वानी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पास अपने घर को बचाने की चुनौती है. कांग्रेस की दिग्गज नेता स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश की साख दांव पर है, तो दूसरी तरफ बीजेपी प्रत्याशी जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शोएब अहमद भी जनता का रुख अपनी ओर बता रहे हैं. इस सीट पर निर्णायक मतदाताओं की भूमिका निभा रहे मुस्लिम मतदाताओं का वोट काटने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रत्याशी अब्दुल मतीन सिद्दीकी भी मौदान में हैं, जो मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर खींच सकते हैं. कुल मिलाकर हल्द्वानी विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है.
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स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी से तीन बार जीतीं: हल्द्वानी सीट पर स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश तीन बार विधायक बनी हैं. उन्होंने साल 2002 में बीजेपी प्रत्याशी बंशीधर भगत को हराया, फिर साल 2007 में वो बीजेपी के बंशीधर भगत से हार गईं लेकिन 2012 में उन्होंने बीजेपी की रेनु अधिकारी को हराया, फिर 2017 में उन्होंने जोगेंद्र सिंह रौतेला को हराया.