रामनगर: सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को वन ग्राम विकास समिति के बैनर तले गांव पुछड़ी और कालू सिद्ध नई बस्ती के सैकड़ों ग्रामीणों ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग के कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया है. साथ ही प्रदेश सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. वहीं, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन भी अतिक्रमण के खिलाफ पीला पंजा चला रहा है.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी और समिति अध्यक्ष एस लाल ने कहा कि उक्त ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रहते हुए 50 से अधिक साल हो गए हैं, लेकिन बीते दिन वन विभाग द्वारा मुनादी के माध्यम से 3 दिन के भीतर मकान खाली करने की चेतावनी ग्रामीणों को दी गई है. साथ ही बाद में मकान तोड़ने की भी बात कही गई है. उन्होंने कहा कि गांव में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड और राशन कार्ड बने हैं. उनके बिजली-पानी के कनेक्शन भी हैं. ऐसे में अगर ग्रामीण अतिक्रमण में आते हैं तो, उनको यह सुविधाएं क्यों दी गई.
ग्रामीणों ने कहा कि वोट मांगने के दौरान वह लोग अतिक्रमण में नहीं आते हैं, लेकिन जब चुनाव निपट गए तो, आज उन्हें अतिक्रमण के नाम से उजाड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई की गई, तो वह इसका विरोध करने के साथ ही उग्र आंदोलन भी करेंगे. वहीं, प्रदर्शन के दौरान डीएफओ कार्यालय में कोई भी अधिकारी ना मिलने पर प्रदर्शनकारियों के तेवर और तीखे हो गए. उन्होंने अपना ज्ञापन डीएफओ कार्यालय के बाहर चस्पा कर विरोध किया. इसके अलावा ग्रामीणों ने एक ज्ञापन एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी भेजा.
ये भी पढ़ें: लालकुआं में रेलवे का अतिक्रमण हटाने का अभियान दूसरे दिन भी जारी, 4 हजार लोगों के निर्माण पर होनी है कार्रवाई
ढिकुली क्षेत्र में जेसीबी से हुई खुदाई: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पार्क प्रशासन लगातार अतिक्रमण पर कार्रवाई कर रहा है. इसी क्रम में कॉर्बेट प्रशासन ने अतिक्रमण की रोकथाम के लिए कॉर्बेट पार्क से लगते ढिकुली क्षेत्र में जेसीबी से खोदाई करवाई. कॉर्बेट पार्क के पार्क वार्डन अमित ग्वासीकोटी ने बताया कि रामनगर के ग्राम ढिकुली क्षेत्र स्थित रिसोर्ट में जो गेस्ट आते हैं, उनके वाहन कॉर्बेट की सीमा के अंदर खड़े किए जाते हैं, जो एक अतिक्रमण के दायरे में आता है. वहीं, रिजॉर्ट के कर्मचारी और गेस्ट होटल का कचरा भी कॉर्बेट की सीमा के अंदर फेंक देते हैं. जिससे वन्य जीव उस कचरे को खाने के लिए आबादी की तरफ रुख कर लेते हैं. इसी को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने आज अतिक्रमण से निजात पाने के लिए खाई खोदने का कार्य शुरू कर किया है.
ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के ढेला रेंज में मजार और मंदिर पर चला 'पीला पंजा', कब्जा मुक्त हुई सरकारी जमीन