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सुविधाएं नहीं मिलने से विजयपुर गांव के लोग नाराज, करेंगे चुनाव बहिष्कार - 1927 में बसाया गया था विजयपुर गांव

हल्द्वानी में सन 1927 में बसे विजयपुर गांव के लोग आगामी विधानसभा चुनाव 2022 का बहिष्कार करेंगे. इन लोगों की शिकायत है कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

vijaipur village
चुनाव का बहिष्कार करेंगे ग्रामीण
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Published : Jun 9, 2021, 12:43 PM IST

हल्द्वानी: 1927 में हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर विजयपुर गांव बसाया गया था. आजादी के 7 दशक बाद भी गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इससे नाराज विजयपुर गांव के लोगों ने पंचायत कर आगामी 2022 विधानसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. पंचायत में गांव के लोगों ने कहा कि सूखी नदी पर पुल बनाने और गांव को जोड़ने के लिए सड़क की मांग को लेकर पिछले कई दशक से आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन गांव को अभी तक पुल नहीं मिल पाया है.

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बता दें कि विजयपुर गांव में करीब 600 लोग निवास करते हैं. लेकिन गांव को जोड़ने के लिए न तो सड़क का निर्माण हो पाया है और न ही सूखी नदी के ऊपर पुल बन पाया है. गांव वालों का कहना है कि बरसात में नदी में पानी आ जाने के चलते गांव का संपर्क शहर से टूट जाता है. जिसके चलते न तो बच्चे स्कूल जा पाते हैं और न ही काश्तकार अपनी फसलों को लेकर मंडी जा पाते हैं. मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण अब सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन छेड़ने का मन बना चुके हैं.

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वहीं, विजयपुर राजस्व गांव होने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पाईं. कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी भी सरकार ने विजयपुर गांव की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई है. ऐसे में अब ग्रामीणों ने सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

हल्द्वानी: 1927 में हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर विजयपुर गांव बसाया गया था. आजादी के 7 दशक बाद भी गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इससे नाराज विजयपुर गांव के लोगों ने पंचायत कर आगामी 2022 विधानसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. पंचायत में गांव के लोगों ने कहा कि सूखी नदी पर पुल बनाने और गांव को जोड़ने के लिए सड़क की मांग को लेकर पिछले कई दशक से आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन गांव को अभी तक पुल नहीं मिल पाया है.

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बता दें कि विजयपुर गांव में करीब 600 लोग निवास करते हैं. लेकिन गांव को जोड़ने के लिए न तो सड़क का निर्माण हो पाया है और न ही सूखी नदी के ऊपर पुल बन पाया है. गांव वालों का कहना है कि बरसात में नदी में पानी आ जाने के चलते गांव का संपर्क शहर से टूट जाता है. जिसके चलते न तो बच्चे स्कूल जा पाते हैं और न ही काश्तकार अपनी फसलों को लेकर मंडी जा पाते हैं. मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण अब सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन छेड़ने का मन बना चुके हैं.

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वहीं, विजयपुर राजस्व गांव होने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पाईं. कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी भी सरकार ने विजयपुर गांव की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई है. ऐसे में अब ग्रामीणों ने सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

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