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रामनगर: नाले में उफान और खतरे में जान, महंगी पड़ेगी जल्दबाजी - महंगी पड़ेगी जल्दबाजी

उफान के बीच कुछ राहगीर रामनगर बेलगढ़ नाले को पार कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

Disaster rain
आफत की बारिश.
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Published : Jul 7, 2020, 5:47 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड में मॉनसून राहत के साथ आफत भी ले आया है. बारिश की शुरुआती दौर पहाड़ों के लिए आफत लाई है. तेज बारिश में कहीं पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है तो कहीं नदी-नाले उफान पर हैं. पानी की तेज बहाव में कुछ लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं.

रामनगर के बेलगढ़ नाले की तस्वीरें सामने आई हैं. जहां भारी बारिश के कारण बेलगढ़ नाला उफान पर है. पानी के बहाव की वजह से नाले के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लगी हुई है. लेकिन इन सबके बीच कुछ लोग जल्दबाजी में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और उफान के बीच नाले को पार कर रहे हैं.

ये जल्दबाजी पड़ सकती है महंगी.

ये भी पढ़ें: भिखारी, मौसम और 'मार', जीवन यापन पर बड़ा सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले में पानी के तेज बहाव के चलते लोगों को अपनी जान जोखिम में नहीं डालना चाहिए. ऐसे में राहगीरों को पानी के बहाव कम होने का इंतजार करना चाहिए. क्योंकि पानी कब रौद्र रूप धारण कर सकता है, यह कोई नहीं जानता. इससे पहले भी बेलगढ़ नाला कई लोगों को बहा चुका है. ऐसे में राहगीरों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि पानी कम होने के बाद ही वाहन को नाले के उस पार ले जाएं. इसके साथ ही ग्रामीणों ने नाले के ऊपर पुल बनाने की मांग सरकार से की है.

रामनगर: उत्तराखंड में मॉनसून राहत के साथ आफत भी ले आया है. बारिश की शुरुआती दौर पहाड़ों के लिए आफत लाई है. तेज बारिश में कहीं पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है तो कहीं नदी-नाले उफान पर हैं. पानी की तेज बहाव में कुछ लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं.

रामनगर के बेलगढ़ नाले की तस्वीरें सामने आई हैं. जहां भारी बारिश के कारण बेलगढ़ नाला उफान पर है. पानी के बहाव की वजह से नाले के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लगी हुई है. लेकिन इन सबके बीच कुछ लोग जल्दबाजी में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और उफान के बीच नाले को पार कर रहे हैं.

ये जल्दबाजी पड़ सकती है महंगी.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले में पानी के तेज बहाव के चलते लोगों को अपनी जान जोखिम में नहीं डालना चाहिए. ऐसे में राहगीरों को पानी के बहाव कम होने का इंतजार करना चाहिए. क्योंकि पानी कब रौद्र रूप धारण कर सकता है, यह कोई नहीं जानता. इससे पहले भी बेलगढ़ नाला कई लोगों को बहा चुका है. ऐसे में राहगीरों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि पानी कम होने के बाद ही वाहन को नाले के उस पार ले जाएं. इसके साथ ही ग्रामीणों ने नाले के ऊपर पुल बनाने की मांग सरकार से की है.

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