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नैनातील जिले में 102 डॉक्टरों की कमी, 203 नर्सों के पद खाली, कैसे होगा मरीजों का इलाज? - Shortage of doctors in Nainital district

Shortage of Doctors in Nainital नैनीताल जिले में डॉक्टरों की कमी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को मजबूर प्राइवेट हॉस्पिटलों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है. जिस कारण लोगों को अतिरिक्त धन व्यय करना पड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 29, 2023, 11:25 AM IST

Updated : Oct 29, 2023, 12:47 PM IST

नैनीताल जिले में डॉक्टरों की कमी से लोग परेशान

हल्द्वानी: उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति से सभी वाकिफ हैं.सबसे बुरा हाल पर्वतीय क्षेत्र में देखने मिल रहा है, जहां अस्पतालों में डॉक्टर के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. कुमाऊं मंडल में आबादी की दृष्टि से मैदानी और पर्वतीय क्षेत्र से लगा नैनीताल जिला सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला है. लेकिन यहां की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था समय-समय पर सरकार की पोल खोलती रहती है. नैनीताल जिले में 191 सरकारी है, जहां डॉक्टरों की भारी कमी है.

जिले के सरकारी अस्पतालों में 343 डॉक्टरों की तैनाती के सापेक्ष में 241 डॉक्टर काम कर रहे हैं. जबकि 102 पद खाली पड़े हैं. यही नहीं अस्पतालों में स्टाफ नर्स की भारी कमी है, जहां पूरे जिले में 90 स्टाफ नर्स से काम करवाया जा रहा है. जनपद में 293 स्टाफ नर्स के पद के सापेक्ष में मात्र 90 स्टाफ काम कर रहा है. जिसमें 52 सीनियर स्टाफ नर्स भी शामिल हैं, जबकि 203 स्टाफ नर्स के पद खाली हैं. जनपद में 10 सीएचसी, 45 पीएचसी, जबकि यूएचसी 136 हॉस्पिटल हैं. जहां डॉक्टरों की भारी कमी है. डॉक्टरों की सबसे ज्यादा कमी पहाड़ और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में हैं.
पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्रालय ने 200 बेड का नया अस्पताल खोलने की दी मंजूरी, जल्द होगा काम शुरू

ग्रामीण क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र के अस्पतालों में अक्सर देखा जाता है कि 2 बजे के बाद से हॉस्पिटल को बंद कर दिया जाता है. जिसके चलते मरीज को हल्द्वानी आना पड़ता है या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जोशी का कहना है कि नर्सों की कमी जल्द दूर होने जा रही है, क्योंकि चयन आयोग से नर्सों की भर्ती हो रही है. कई चिकित्सक पीजी करने के लिए चले गए हैं, जिसके चलते पद खाली हो चुके हैं. डॉक्टरों की कमी के बारे में विभाग को अवगत कराया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द डॉक्टरों की कमी पूरी कर ली जाएगी.

नैनीताल जिले में डॉक्टरों की कमी से लोग परेशान

हल्द्वानी: उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति से सभी वाकिफ हैं.सबसे बुरा हाल पर्वतीय क्षेत्र में देखने मिल रहा है, जहां अस्पतालों में डॉक्टर के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. कुमाऊं मंडल में आबादी की दृष्टि से मैदानी और पर्वतीय क्षेत्र से लगा नैनीताल जिला सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला है. लेकिन यहां की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था समय-समय पर सरकार की पोल खोलती रहती है. नैनीताल जिले में 191 सरकारी है, जहां डॉक्टरों की भारी कमी है.

जिले के सरकारी अस्पतालों में 343 डॉक्टरों की तैनाती के सापेक्ष में 241 डॉक्टर काम कर रहे हैं. जबकि 102 पद खाली पड़े हैं. यही नहीं अस्पतालों में स्टाफ नर्स की भारी कमी है, जहां पूरे जिले में 90 स्टाफ नर्स से काम करवाया जा रहा है. जनपद में 293 स्टाफ नर्स के पद के सापेक्ष में मात्र 90 स्टाफ काम कर रहा है. जिसमें 52 सीनियर स्टाफ नर्स भी शामिल हैं, जबकि 203 स्टाफ नर्स के पद खाली हैं. जनपद में 10 सीएचसी, 45 पीएचसी, जबकि यूएचसी 136 हॉस्पिटल हैं. जहां डॉक्टरों की भारी कमी है. डॉक्टरों की सबसे ज्यादा कमी पहाड़ और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में हैं.
पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्रालय ने 200 बेड का नया अस्पताल खोलने की दी मंजूरी, जल्द होगा काम शुरू

ग्रामीण क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र के अस्पतालों में अक्सर देखा जाता है कि 2 बजे के बाद से हॉस्पिटल को बंद कर दिया जाता है. जिसके चलते मरीज को हल्द्वानी आना पड़ता है या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जोशी का कहना है कि नर्सों की कमी जल्द दूर होने जा रही है, क्योंकि चयन आयोग से नर्सों की भर्ती हो रही है. कई चिकित्सक पीजी करने के लिए चले गए हैं, जिसके चलते पद खाली हो चुके हैं. डॉक्टरों की कमी के बारे में विभाग को अवगत कराया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द डॉक्टरों की कमी पूरी कर ली जाएगी.

Last Updated : Oct 29, 2023, 12:47 PM IST
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