हल्द्वानी: प्रदेश में पिछले कई सालों से धान की खेती का रकबा बढ़ाने के साथ चावल उत्पादन के लिए कृषि विभाग की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. जिससे कि धान उत्पादन में वृद्धि हो सके. लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले पांच सालों में धान बुआई की खेती का रकबा कम होता गया है. लेकिन धान का उत्पादन बढ़ा है. कृषि विभाग का कहना है कि धान बुआई का रकबा घटा है लेकिन प्रति हेक्टेयर 2 कुंटल धान की पैदावार में वृद्धि हुई है.
उत्तराखंड कृषि विभाग द्वारा हर साल खरीफ की मुख्य फसल धान की पैदावार बढ़ाने के लिए रणनीति के साथ-साथ लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता है. कृषि विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में 2020 के लिए करीब 2,30,000 हेक्टेयर बुआई का लक्ष्य रखा है. वहीं बात पिछले पांच साल की करें तो हर साल प्रदेश में धान बुआई का रकबा घट रहा है. पिछले पांच सालों में धान बुआई का रकबा घटकर 15,735 हेक्टेयर कम हुआ है. धान बुआई रकबा हेक्टेयर उत्पादन 2016-17- 2,45,655 और 5,72,963 मीट्रिक टन 2017-18 -2,39,323 और 605606 मीट्रिक टन 2018-19- 2,39,395 और 5,62,465 मीट्रिक टन 2019-20- 2,29,920 और 5,97,655 मीट्रिक टन 2020-21 में 2,30,000 बुआई लक्ष्य संयुक्त निदेशक कृषि विभाग कुमाऊं मंडल प्रदीप कुमार के अनुसार पिछले 5 सालों में धान बुवाई की रकबे में गिरावट आई है लेकिन उत्पादकता बढ़ी हुई है. संयुक्त निदेशक के मुताबिक नई तकनीक के माध्यम से धान की बुवाई की जा रही है जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो रहा है. कम भूमि में कम लागत में किसानों द्वारा ज्यादा उत्पादन किया जा रहा है. पहले की तुलना में धान की उत्पादकता में वृद्धि हुई है. प्रति हेक्टेयर 2 कुंतल धान अधिक उत्पादन हो रहा है.
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संयुक्त कृषि निदेशक प्रदीप कुमार के अनुसार इस वर्ष का मौसम धान के लिए अनुकूल है. धान को पर्याप्त पानी भी मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार धान की पैदावार में इजाफा होगा. वर्तमान में धान बुवाई का सर्वे चल रहा है. उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस साल किसानों ने ज्यादा धान की बुआई की है.