रामनगर: तितलियां प्रकृति संरक्षण की राजदूत हैं और वह महत्वपूर्ण जैविक संकेतक हैं, जो हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य को दर्शाती हैं. भारत के नागरिकों के बीच तितलियों के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए एक राष्ट्रीय तितली अभियान चलाया जा रहा है. विजेता ऑनलाइन वोटिंग के जरिए चुना जाएगा. देश में 1500 तितलियों की प्रजातियों में से 7 तितलियों को चुनाव के लिए रखा गया है. 11 सितंबर से शुरू इस वोटिंग का आज आखिरी दिन है. 15 अक्टूबर को केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय चुनी गई तितली की घोषणा करेगा.
दरअसल, तितलियों की कुछ प्रजातियों में से कई तितलियों को छाटकर उसको राष्ट्रीय तितली बनाने के लिए ऑनलाइन पोलिंग चल रही है, जिसमें से तितलियों की कई प्रजातियों पर वोटिंग होनी है, आखिरी में जिस तितली के लिए वोटिंग सबसे ज्यादा होगी, उसको राष्ट्रीय तितली घोषित कर किया जाएगा.
देश के तितली विशेषज्ञों के एक ग्रुप ने पिछले कुछ सालों से तितली सर्वे शुरू किया था. लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय पक्षी और पुष्प की तरह राष्ट्रीय तितली चुनने का विचार आया और ये इस सर्वे की शुरुआत की गई. देशभर से आंकड़े मिलने के बाद तितली विशेषज्ञों की इस टीम ने सात तितलियों की अंतिम सूची तैयार की. इससे पहले देश के अपने राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प घोषित हैं लेकिन देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राष्ट्रीय प्रतीक के चुनाव के लिए आम लोगों को भी शामिल किया जा रहा है.
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इस सात तितलियों में से चुने अपनी पसंद:
1- फाइव बार स्वॉर्ड टेल
इस तितली के पंखों पर काले-सफेद पट्टों पर हरे पीले रंग का मेल होता है. पीछे के पंखों पर एक लम्बी सीधी काली तलवार जैसी पूंछ होती है और इसके पंखों का आकार 75 से 90 एमएम तक होता है.
2- इंडियन/कॉमन जेज़बेल
इस तितली के पंखों की ऊपरी सतह सफेद और निचली सतह पीली होती है. इन पर काली मोटी धारियां और किनारों पर नारंगी छोटे-छोटे धब्बे इसे सुंदर बनाते हैं. इसके पंखों का आकार 66-83 एमएम तक होता है.
3- इंडियन/कॉमन नवाब
इस तितली के ऊपरी पंख काले होते हैं और नीचे के चॉकलेटी रंग के पंखों के बीच हल्की पीली टोपी जैसी रचना के कारण इसे नवाब कहा जाता है. यह तेजी से उड़ सकती है. पेड़ों के ऊपरी हिस्सों में पाई जाती है, इसलिए कम ही दिखाई देती है.
4- कृष्णा पीकॉक
ये तितली उत्तर-पूर्वी हिस्सों और हिमालय में पाई जाती है. आकार में बड़ी इस तितली के पंख काले रंग के होते हैं, जिसमें पीले रंग की लम्बी धारी होती है और नीचे के पंख में नीले लाल बैंड मिलते हैं. इसके पंख 130 एमएम तक होते हैं.
5- ऑरेंज ओकलीफ
जैसा कि नाम में ही जाहिर है, इस तितली के पंख के ऊपर नारंगी और गहरा नीला रंग होता है. आधार पर दो सफेद बिंदु होते हैं. पंख खुलते ही रंगीन छटा बिखेरती है.
6- नॉर्दन जंगल क्वीन
अरुणाचल प्रदेश में पाई जाने वाली ये चॉकलेट ब्राउन रंग की तितली होती है. हल्की नीली धारियां इसे सुंदर बनाती हैं. पंखों पर चॉकलेटी गोल घेरे इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. यह फ्लोरोसेंट कलर में भी दिखाई देती हैं.
7- यलो गोर्गन
पूर्व हिमालय और उत्तर पूर्व भारत के जंगलों में पाई जाने वाली ये तितली मध्यम आकार की बेहद सुंदर तितली है. इसके कोण बनाते अनूठे पंख इसकी खासियत हैं. इसके पंखों की अंदरूनी सतर पर गहरा पीला रंग होता है.
ऐसे चुनें अपनी पसंद की तितली
देश में ऐसा पहली बार किसी राष्ट्रीय प्रतीक के चुनाव के लिए आम लोगों को शामिल किया जा रहा है. लोग 8 अक्टूबर तक ऑनलाइन वोटिंग कर इन सातों में से अपनी पसंदीदा तितली का चयन कर सकते हैं. इसके लिए लिंक tiny.cc/nationalbutterflypoll पर जाना होगा, वहां एक गूगल फॉर्म को भरना होगा. सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने वाली तितलियों की लिस्ट केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को सौंपी जाएगी, जिसमें से राष्ट्रीय तितली का चयन विशेषज्ञों की एक समिति करेगी.
तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल का कहना है कि हमारे पास पहले से ही हमारे राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय वृक्ष हैं. लेकिन हमारे पास अभी तक कोई भी राष्ट्रीय तितली नहीं है. आम जनता के बीच पारिस्थितिक महत्व, संरक्षण महत्व और तितलियों की बढ़ती लोक प्रियता को देखते हुए ये उचित समय है, जब हम राष्ट्रीय तितली पर पोलिंग कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तितली का चुनना जो भारत के लिए अच्छी पहल हो सकती है इसलिए ऑनलाइन वोटिंग के जरिए तितलियों के बारे में जानकारी देनी है और अपनी पसंदीदा तितली और उनका संरक्षण करने में अहम योगदान लिखना है, जिसके बाद पोलिंग में सबसे ज्यादा मत पाने वाली तितली को राष्ट्रीय तितली घोषित कर दिया जाएगा.