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वन विभाग की घोर लापरवाही, करोड़ों का खनिज बर्बादी की कगार पर

पिछले वर्ष चैनल खुदान का कार्य किया गया था, जिससे लाखों घन मीटर रेती बजरी नदी में ही डंप हो गया है. इस खनिज का निस्तारण नहीं किया तो वन विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा.

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Published : Mar 14, 2019, 3:37 PM IST

वन विभाग की घोर लापरवाही

हल्द्वानीः स्थानीय गौला नदी में एलीफेंट काॉरिडोर क्षेत्र में करोड़ों रुपए का उपखनिज लंबे समय से डंप पड़ा है. जिसकी ओर वन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है. अगर बरसात के सीजन से पहले वन विभाग ने डंप पड़े इस खनिज का निस्तारण नहीं किया, तो लाखों घन मीटर उपखनिज नदी में बहकर उत्तराखंड की सीमा से बाहर चला जाएगा.

दरअसल देवरामपुर निकासी गेट के पास 2 किलोमीटर लंबा एलिफेंट कारिडोर एरिया है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए इस क्षेत्र में पिछले वर्ष चैनल खुदान का कार्य किया गया था, जिससे लाखों घन मीटर रेती बजरी नदी में ही डंप हो गया है. अगर समय रहते वन महकमे ने इस खनिज का निस्तारण नहीं किया तो वन विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा.

वन विभाग की घोर लापरवाही

वहीं तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि शासन के निर्देश पर पिछले वर्ष चैनल खुदाई की गई थी, लेकिन शासन ने डंप पड़े खनिज की बिक्री के लिए कोई निर्देश नहीं दिए थे, लिहाजा शासन के निर्देश के बाद ही वहां पड़े खनिज को निस्तारित किया जाएगा.


हल्द्वानीः स्थानीय गौला नदी में एलीफेंट काॉरिडोर क्षेत्र में करोड़ों रुपए का उपखनिज लंबे समय से डंप पड़ा है. जिसकी ओर वन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है. अगर बरसात के सीजन से पहले वन विभाग ने डंप पड़े इस खनिज का निस्तारण नहीं किया, तो लाखों घन मीटर उपखनिज नदी में बहकर उत्तराखंड की सीमा से बाहर चला जाएगा.

दरअसल देवरामपुर निकासी गेट के पास 2 किलोमीटर लंबा एलिफेंट कारिडोर एरिया है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए इस क्षेत्र में पिछले वर्ष चैनल खुदान का कार्य किया गया था, जिससे लाखों घन मीटर रेती बजरी नदी में ही डंप हो गया है. अगर समय रहते वन महकमे ने इस खनिज का निस्तारण नहीं किया तो वन विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा.

वन विभाग की घोर लापरवाही

वहीं तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि शासन के निर्देश पर पिछले वर्ष चैनल खुदाई की गई थी, लेकिन शासन ने डंप पड़े खनिज की बिक्री के लिए कोई निर्देश नहीं दिए थे, लिहाजा शासन के निर्देश के बाद ही वहां पड़े खनिज को निस्तारित किया जाएगा.









स्लग:- करोड़ो का उपखनिज डंप ( बाइट मोजो से उठाए)
रिपोर्टर:- भावनाथ पंडित
स्थान:- हल्द्वान/ 14 मार्च

एंकर:- हल्द्वानी की गौला नदी में एलीफेंट करीडोर क्षेत्र में करोड़ों रुपए के लाखों घनमीटर , उपखनिज लंबे समय से डंप पड़ा है। जिसकी ओर वन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अगर बरसात के सीजन से पहले वन विभाग ने  डंप पड़े इस खनिज का निस्तारण नहीं किया तो लाखों घन मीटर उपखनिज नदी में बह कर उत्तराखंड की सीमा से बाहर चला जाएगा। दरअसल देवरामपुर निकासी गेट के पास 2 किलोमीटर लंबा एलीफेंट करी रोड एरिया है बाढ़ के खतरे को देखते हुए इस एलीफेंट करी डोर क्षेत्र में पिछले वर्ष चैनल खुदान का कार्य किया गया था जिससे लाखों घन मीटर रेता बजरी नदी में ही डंप हो गया है अगर समय रहते वन महकमे ने इस खनिज का निस्तारण नहीं किया तो वन विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा वहीं तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी का कहना है किस आसन के निर्देश पर पिछले वर्ष चैनल खुदाई की गई थी लेकिन शासन ने डंफर पड़े हो खनिज के बिक्री के लिए कोई निर्देश नहीं दिए थे लिहाजा शासन के निर्देश के बाद ही वहां पड़े और खनिज को निस्तारित किया जाएगा।

बाईट:- नितीश मणि त्रिपाठी डीएफओ
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