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अक्षय तृतीया के महामुहूर्त पर बन रहा विशेष संयोग, शिव की पूजा के साथ करें दान-पुण्य

हिंदू धर्म के अनुसार वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इसे महामुहूर्त भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस मुहूर्त में कोई भी नया काम शुरू किया जा सकता है.

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शिव पूजन का बन रहा है विशेष संयोग
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Published : May 13, 2021, 4:59 PM IST

Updated : May 13, 2021, 6:05 PM IST

हल्द्वानी: अक्षय तृतीया का पर्व कल यानि 14 मई को मनाया जाएगा. स्कंद पुराण के मुताबिक वैशाख महीने को खास महीना माना जाता है. वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को अक्षय तृतीय कहा जाता है. ऐसे में अक्षय तृतीया के मौके पर शुभ कार्य, मांगलिक कार्य के साथ-साथ दान पुण्य के अलावा भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया के मौके पर नई वस्तु ,सोना, चांदी, आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.

अक्षय तृतीया के महामुहूर्त पर बन रहा विशेष संयोग.

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 14 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया मनाई जानी है. उसी दिन भगवान परशुराम जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. रोहिणी नक्षत्र में अक्षय तृतीया लग रही है, जो मृगशिरा नक्षत्र में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. ऐसे में अक्षय तृतीया का दिन व्यापार की दृष्टि से भी उत्तम रहेगा. इस दिन भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान शिव की उपासना करने से कोरोना महामारी से भी मुक्ति मिलेगी.

ये भी पढ़ें :सर्राफा कारोबारियों ने की हॉलमार्क तिथि बढ़ाने की मांग, एक जून से होना है लागू

ज्योतिषाचार्य के अनुसार शुक्रवार को सूर्य उदय से 1 बजे तक भगवान शिव की उपासना का विशेष योग बन रहा है. इस दौरान शुभ कार्य, मांगलिक कार्य के अलावा सोना-चांदी आभूषण खरीदना लाभदायक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार इस महामारी में अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र, राशन, स्वर्ण, चांदी, फल, गुड़ चना नमक दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से कुबेर देवता प्रसन्न होंगे. इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी.

हल्द्वानी: अक्षय तृतीया का पर्व कल यानि 14 मई को मनाया जाएगा. स्कंद पुराण के मुताबिक वैशाख महीने को खास महीना माना जाता है. वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को अक्षय तृतीय कहा जाता है. ऐसे में अक्षय तृतीया के मौके पर शुभ कार्य, मांगलिक कार्य के साथ-साथ दान पुण्य के अलावा भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया के मौके पर नई वस्तु ,सोना, चांदी, आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.

अक्षय तृतीया के महामुहूर्त पर बन रहा विशेष संयोग.

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 14 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया मनाई जानी है. उसी दिन भगवान परशुराम जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. रोहिणी नक्षत्र में अक्षय तृतीया लग रही है, जो मृगशिरा नक्षत्र में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. ऐसे में अक्षय तृतीया का दिन व्यापार की दृष्टि से भी उत्तम रहेगा. इस दिन भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान शिव की उपासना करने से कोरोना महामारी से भी मुक्ति मिलेगी.

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार शुक्रवार को सूर्य उदय से 1 बजे तक भगवान शिव की उपासना का विशेष योग बन रहा है. इस दौरान शुभ कार्य, मांगलिक कार्य के अलावा सोना-चांदी आभूषण खरीदना लाभदायक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार इस महामारी में अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र, राशन, स्वर्ण, चांदी, फल, गुड़ चना नमक दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से कुबेर देवता प्रसन्न होंगे. इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी.

Last Updated : May 13, 2021, 6:05 PM IST
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